अदालत ने राष्ट्रपति अल्व और विदेश मंत्री कुरैशी को किया बरी, पाकिस्तानी संसद पर हमले का था आरोप

पाकिस्तान की आतंकवाद-निरोधक अदालत ने 2014 के संसद भवन और सरकारी टेलीविजन चैनल पीटीवी के दफ्तर पर हमला मामले में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी तथा विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेताओं को बरी कर दिया।

Update: 2022-03-16 00:49 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान की आतंकवाद-निरोधक अदालत (एटीसी) ने 2014 के संसद भवन और सरकारी टेलीविजन चैनल पीटीवी के दफ्तर पर हमला मामले में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी तथा विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेताओं को बरी कर दिया।

इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी 'पीटीआई' और पाकिस्तानी अवामी तहरीक (पीएटी) अगस्त के सैकड़ों कार्यकर्ताओं एवं प्रदर्शनकारियों ने 31 अगस्त 2014 को पीटीवी कार्यालय एवं संसद भवन परिसर में तोड़फोड़ की थी तथा एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की बेरहमी से पिटाई की थी।
पीटीआई के जिन अन्य नेताओं को बरी किया गया है, उनमें नियोजन एवं विकास मंत्री असद उमर, रक्षा मंत्री परवेज खट्टक, खाइबर पख्तुनख्वा के श्रम एवं संस्कृति मंत्री शौकत अली यूसुफजई, सीनेटर एजाज अहमद चौधरी तथा पार्टी के पूर्व सदस्य जहांगीर तरीन और अलीम खान शामिल हैं। पार्टी के प्रमुख एवं प्रधानमंत्री इमरान खान को अक्टूबर 2020 में ही बरी कर दिया गया था।
राष्ट्रपति अल्वी की अर्जी और बरी किये जाने को लेकर पार्टी के अन्य नेताओं की याचिकाओं पर न्यायाधीश मोहम्मद अली वर्राइच ने फैसला सुनाया। तत्कालीन पीएमएल-एन सरकार के खिलाफ 2014 में पीटीआई के धरना प्रदर्शन के दौरान पीटीवी और संसद पर हमले के लिए राष्ट्रपति और अन्य नेताओं के खिलाफ मुकदमा दायर किये गये थे। राष्ट्रपति अल्वी ने पहले, इस मामले में विशेष प्रतिरक्षा के इस्तेमाल से इनकार कर दिया था और एटीसी के समक्ष पेश होने का विकल्प चुना था।
हमले में कथित तौर पर शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री खान, पीएटी के प्रमुख तहरीउल कादरी एवं कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस घटना में तीन लोग मारे गये और 26 घायल हो गये थे, जबकि 60 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था।
अभियोजन ने अपना मामला स्थापित करने के लिए 65 तस्वीरें, डंडे, कटर आदि अदालत के समक्ष पेश किये थे। अभियोजन का कहना था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं था और पीटीआई के नेताओं ने तीन साल बाद जमानत मांगी थी। पुलिस ने खान, अल्वी और उमर, कुरैशी, शफाकत महमूह तथा राजा खुर्रम नवाज के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में आतंकवादी-निरोधक कानून के तहत मुकदमा दायर किया था।
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