दुनिया में कोरोना का कहर बरकरार : ओमिक्रॉन के फ्रांस-जर्मनी में के टूटे रिकॉर्ड, अमेरिका और ब्राजील में बुरा हाल

ब्रिटेन में भले ही चरम पर पहुंचकर ओमिक्रॉन के मामले घटने के बाद पाबंदियां हटाई गईं लेकिन यूरोपीय देशों में इसका कहर बरकरार है।

Update: 2022-01-21 00:44 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटेन में भले ही चरम पर पहुंचकर ओमिक्रॉन के मामले घटने के बाद पाबंदियां हटाई गईं लेकिन यूरोपीय देशों में इसका कहर बरकरार है। फ्रांस में लगातार दूसरे दिन कोरोना के चार लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में फ्रांस में 4.36 लाख नए मामले दर्ज किए गए।

वहीं, जर्मनी में पिछले 24 घंटे में 1.21 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। उधर, न्यूजीलैंड में ओमिक्रॉन के बढ़ते कहर के बाद पीएम जेसिका अर्डर्न ने कहा है कि यदि महामारी सामुदायिक स्तर पर फैली तो देश में फिर से प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है।
अमेरिका-ब्राजील में बुरा हाल
अमेरिका में पिछले 24 घंटों के भीतर सात लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं। देश में हर दिन करीब 2,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या से अस्पतालों में जबरदस्त दबाव है। इसी तरह ब्राजील में पिछले एक दिन के भीतर दो लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज हुए। देश में लगातार दूसरे दिन देश का पिछला रिकॉर्ड टूटा है। इसी अवधि में देश में मृतक संख्या 350 रही।
बाइडन ने माना, कोरोना से थक चुका है अमेरिका
एक दिन में जहां नए वैश्विक संक्रमित 34.61 लाख दर्ज हुए, वहीं 8,832 लोगों ने जान गंवाई। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्वीकार किया कि कोविड-19 के कारण अमेरिका के लोग थक चुके हैं और उनका मनोबल भी काफी गिर गया है। लेकिन इससे निपटने के लिए उन्होंने बेहतर ढंग से काम किया है।
बाइडन ने राष्ट्रपति पद संभालने का एक साल पूरा होने की पूर्व संध्या पर कहा, अमेरिकी संसद में गतिरोध तोड़ने, मुद्रास्फीति तथा कोविड-19 से निपटने के लिए उन्हें अपने आर्थिक पैकेज के बड़े हिस्से के साथ समझौता करना पड़ सकता है। उन्होंने दावा किया, अमेरिका में जहां कोरोना से लड़ाई अब भी जारी है, वहां लोगों ने इतना बेहतर प्रदर्शन किया है कि सोचा भी नहीं जा सकता है। इन दो वर्षों में लोगों ने शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत कुछ सहन किया है।
अमेरिकी फार्मा कंपनी पुरस्कृत
अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बौर्ला को 2022 के जेनेसिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान कुछ ही महीनों में कोरोना टीका विकसित करने के लिए दिया गया है। सम्मान के तहत उन्हें करीब 10 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि दी जाएगी। जेनेसिस फाउंडेशन किसी यहूदी व्यक्ति को मानवता में उसके योगदान व यहूदी मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता के लिए हर वर्ष अवॉर्ड देता है।
ब्रिटेन ने पाबंदियां हटाईं
उधर, ब्रिटेन ने तीसरी लहर धीमी पड़ने के बाद कई पाबंदियां हटाने का एलान किया। ओमिक्रॉन की बढ़ती मुसीबतों के बीच ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने मास्क अनिवार्यता खत्म करने की घोषणा की। इसके अलावा ब्रिटेन में घर से काम खत्म कर दिया गया है। जॉनसन ने वैज्ञानिकों का हवाला देते हुए कहा, ओमिक्रॉन चरम पर पहुंच चुका है और अब इसकी रफ्तार थमती दिख रही है।
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