दुनिया में जारी रहेगा कोरोना वायरस का कहर, WHO ने दी चेतावनी

दुनिया के लगभग सभी मुल्क कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट का सामना कर रहे हैं

Update: 2021-03-02 13:23 GMT

दुनिया के लगभग सभी मुल्क कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट का सामना कर रहे हैं. ऐसे में वायरस से निपटने के लिए लोगों को तेजी से वैक्सीन (Vaccine) लगाई जा रही है. इससे दुनियाभर की सरकारों के बीच इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि जल्द ही ये संकट खत्म हो जाएगा. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेताया है कि कोरोना महामारी इस साल के अंत तक समाप्त नहीं होने वाली है. हालांकि, WHO ने कहा है कि वैक्सीन के चलते अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई है.

WHO के आपातकालीन कार्यक्रमों के निदेशक डॉ माइकल रेयान (Dr. Michael Ryan) ने कहा कि यह सोचना असामयिक और अवास्तविक होगा कि साल के अंत तक महामारी रुक जाएगी. लेकिन यह हो सकता है कि हाल में आए प्रभावी वैक्सीनों से बीमारी की वजह से लोगों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामलों में काफी गिरावट आए. उन्होंने कहा, फिलहाल दुनिया का एक मात्र लक्ष्य कोविड-19 के प्रसार को जहां तक हो सके कम रखना होना चाहिए.
अभी वायरस काफी हद तक नियंत्रित

रेयान ने मीडिया से कहा, अगर हम स्मार्ट हैं तो हम इस महामारी से जुड़े अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामलों को साल के अंत तक खत्म कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि WHO उन आंकड़ों को लेकर आश्वस्त है कि लाइसेंस प्राप्त कई वैक्सीन वायरस के विस्फोटक प्रसार को रोकने में मददगार प्रतीत हो रही हैं.
रेयान ने कहा, अगर वैक्सीन ने सिर्फ मौत और अस्पताल में भर्ती होने के मामलों पर असर डालने के अलावा बीमारी के प्रसार पर भी अहम प्रभाव डाला तब मेरा मानना है कि हम इस महामारी को नियंत्रित करने की तरफ आगे बढ़ेंगे. रेयान ने हालांकि किसी तरह की ढिलाई बरतने को लेकर चेताते हुआ कहा कि महामारी के बदलते स्वरूप के कारण किसी भी चीज की गारंटी नहीं है. उन्होंने कहा, अभी वायरस पर काफी हद तक नियंत्रण है.
अमीर मुल्कों में स्वस्थ लोगों को वैक्सीन लगाना खेदजनक
WHO के महानिदेशक ने इस बीच कहा कि यह खेदजनक है कि अमीर देशों में युवा और स्वस्थ्य वयस्कों को वैक्सीन लगाई जा रही है. जबकि विकासशील देशों में जोखिम के दायरे में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाया जाना अभी बाकी है. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाले कोवैक्स प्रयास से इस हफ्ते घाना और आइवरी कोस्ट में टीकाकरण शुरू हुआ.
लेकिन WHO प्रमुख ने इस बात को रेखांकित किया कि ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों द्वारा अपनी आबादी को वैक्सान लगाना शुरू करने के तीन महीने बाद वहां यह कार्यक्रम पहुंचा है. उन्होंने कहा, देशों की एक दूसरे से होड़ नहीं है. यह वायरस के खिलाफ साझी होड़ है. हम देशों को अपनी आबादी को वैक्सीन नहीं लगाने की सलाह नहीं दे रहे. हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि सभी देशों को हर जगह वायरस को दबाने के वैश्विक प्रयासों का हिस्सा बनना चाहिए.


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