वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार रहे स्टीव बैनन के खिलाफ संसद की अवमानना मामले की सुनवाई टालने से इन्कार करते हुए संघीय न्यायाधीश ने अगले हफ्ते की तिथि निर्धारित की है। बैनन पर पिछले वर्ष छह जनवरी को हुए कैपिटल दंगे की जांच करने वाली संसदीय समिति के सामने पेश नहीं होने का आरोप है। हालांकि, बैनन ने गत शनिवार को सदन की समिति से कहा था कि वह बयान दर्ज कराने के लिए तैयार हैं।
जिला न्यायाधीश कार्ल निकोलस ने सोमवार को बैनन को सदन की स्पीकर नैन्सी पेलोसी या जांच समिति सदस्यों को कोर्ट में बुलाने की मांग करने से रोक दिया। निकोलस के कई आदेशों पर उनके एक वकील ने शिकायत की कि एक समय व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी रह चुके बैनन अब अपना बचाव नहीं कर पाएंगे।
68 वर्षीय बैनन समिति के सामने गवाही दर्ज कराने से इन्कार करने वाले ट्रंप प्रशासन के उच्चाधिकारियों में से एक थे। पिछले वर्ष उन पर संसद की अवमानना के दो आरोप लगे थे। उन्होंने पहले तर्क दिया था कि उनकी गवाही ट्रंप के कार्यकारी विशेषाधिकार के दावे से सुरक्षित है। समिति ने उल्लेख किया कि ऐसा दावा निराधार है, क्योंकि ट्रंप ने उन्हें 2017 में ही व्हाइट हाउस से निकाल दिया था। इस स्थिति में छह जनवरी 2021 को दंगे के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति से संपर्क करते समय वह एक सामान्य नागरिक थे। नवंबर में संसद की अवमानना के दो मामलों में उन्हें दोषी करार दिया गया था। हर आरोप के लिए उन्हें न्यूनतम 30 दिन और अधिकतम एक साल तक जेल भुगतना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि अमेरिका में 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल हिंसा हुई थी। इसकी जांच के दौरान एक चरमपंथी ने बताया था कि उस दिन धुर दक्षिणपंथी ओथ कीपर्स चरमपंथी समूह के सदस्यों ने संसद पर हमला बोला था। इसके लिए उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही उकसाया था। उन्होंने उन्हें सत्ता में बनाए रखने के लिए मिलिशिया समूह से लड़ाई लड़ने की बात कही गई थी।