जलवायु सम्मेलन काप-26 खान-पान की वजह से भी चर्चा में रहा, जानें सम्‍मेलन के कुछ अनछुए पहलू...

ग्लासगो में काप-26 संयुक्त राष्ट्र की जलवायु वार्ता खत्‍म हो चुकी है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सभी 197 देशों ने ग्लासगो जलवायु समझौते पर सहमति जताई है।

Update: 2021-11-15 01:43 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ग्लासगो में काप-26 संयुक्त राष्ट्र की जलवायु वार्ता खत्‍म हो चुकी है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सभी 197 देशों ने ग्लासगो जलवायु समझौते पर सहमति जताई है। वैसे ग्लासगो में हुआ संयुक्त राष्ट्र का यह जलवायु सम्मेलन काप-26 कई वजहों से बेहद खास रहा है। एक तरफ इंटरनेट मीडिया पर अपनी दावेदारी साबित करने के बाद भारत की प्रशंसा की गई वहीं दूसरी तरफ सम्मेलन के दौरान खान-पान की व्यवस्था व मैन्यू पर भी चर्चा हुई। आइए जानें सम्‍मेलन के कुछ अनछुए पहलू...

कायम हुआ बेहतर सामाजिक संपर्क
2016 के गैस्ट्रोडिप्लोमैसी के एक शोध पत्र का हवाला देते हुए कहा गया कि एक साथ भोजन करने से साथ भोजन करने वालों के बीच बेहतर सामाजिक संपर्क स्थापित हुआ। दूसरे शब्दों में कहें तो यह संपर्क बाकी परिस्थितियों में हुई बातचीत से ज्यादा प्रभावी रहा। यह भी कहा गया है कि अच्छा खान-पान फायदेमंद सौदे का मार्ग दिखाता है। बेहतर मसौदे का रास्ता स्वाद और सेहत से होकर जाता है।
रातों को जागने का लिया फैसला
दरअसल, सम्मेलन में 13 दिनों तक लगातार सत्रों के लिए कुछ वार्ताकारों ने रातों को जागने का फैसला लिया जिसके चलते सम्मेलन स्थल पर अनिश्चितकालीन वार्ता के लिए रात भर कैफेटेरिया खुला रहा। लिहाजा कनाडा के वार्ताकार गुरुवार रात पिज्जा के डिब्बे पकड़े हुए अपने कक्ष में जाते हुए दिखे।
वार्ताकारों के साथ बिताया समय
वहीं अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों ने स्थानीय बाजार से ब्रेड, पीनट बटर और जैली के अलावा कुछ सैंडविच खरीदे। अल्जीरियाई वार्ताकार ने भोजन स्थल पर ही बैठकर खाना खाया तो दो स्काटिश वार्ताकारों ने दोपहर में खाने के साथ अन्य वार्ताकारों के साथ समय बिताया।
शाकाहारी सहभागियों उपलब्‍ध थे कई विकल्‍प
परिवहन सचिव पीट बटिगिएग ने अपनी यात्रा के दौरान नाश्ते में हैगिस लिया तो अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज, डी-एन.वाई., स्काटलैंड के पेय के बारे में इंस्टाग्राम पर साझा किया। इसके अलावा शाकाहारी सहभागियों के लिए टेम्पुरा ब्रोकली से लेकर वुडलैंड मशरूम रिसोट्टो और कई तरह के सैंडविच विकल्प के तौर पर उपलब्ध थे।
वैश्विक कूटनीति के लिहाज से भी खास
मालूम हो कि साल 2015 के पेरिस समझौते ने दुनिया के कई देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक महत्‍वपूर्ण रूपरेखा मुहैया कराई थी। वहीं छह साल बाद ग्लासगो में हुआ यह सम्मेलन वैश्विक कूटनीति के लिए भी बेहद महत्‍वपूर्ण था। पेरिस जलवायु समझौते में ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने का लक्ष्य तय किया गया था लेकिन काप-26 में कार्बन उत्सर्जन में कटौती की नई प्रतिबद्धताओं का संकल्‍प जताया गया है। सम्‍मेलन से इतर देशों के बीच द्विपक्षीय वर्ताएं भी हुईं...


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