ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमनेई के सलाहकार का दावा
ईरान के खुफिया विभाग के मंत्री ने कहा था कि पश्चिमी दबाव तेहरान को परमाणु हथियार हासिल करने के लिए बाध्य कर सकता है।
तेहरान: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के खाड़ी देशों की यात्रा के ठीक बाद ईरान ने दावा किया है कि उसके पास अब परमाणु बम बनाने की क्षमता आ गई है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमनेई के वरिष्ठ सलाहकार कमाल खराजी ने कहा कि अब हमारा देश तकनीकी रूप से परमाणु बम बनाने की ताकत हासिल कर चुका है। ईरान का यह ऐलान पश्चिमी देशों और इजरायल के लिए बड़ी चेतावनी की तरह से माना जा रहा है जो उसे किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने का प्रण कर चुके हैं।
यह धमकी ऐसे समय पर आई है जब एक दिन पहले ही बाइडन ने इजरायल और सऊदी अरब की यात्रा पूरी की है। इस दौरान उन्होंने इजरायली नेताओं के साथ प्रण किया कि दोनों देश ईरान को परमाणु बम हासिल करने से रोकेंगे। कमाल खराजी ने अलजजीरा से बातचीत में यह भी कहा कि ईरानी प्रशासन ने अभी तक यह फैसला नहीं किया है कि परमाणु बम को बनाया जाए। विश्लेषकों का कहना है कि ईरान का परमाणु बम बनाने की इच्छा जताना अपने आप में दुर्लभ है।
'हम आसानी से 90 फीसदी संवर्द्धित यूरेनियम बना सकते हैं'
ईरान अब तक यही कहता आया है कि वह परमाणु बम नहीं बनाना चाहता है। खराजी ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों में हम यूरेनियम का 60 फीसदी तक संवर्द्धन करने में सफल हो गए हैं और अब हम आसानी से 90 फीसदी संवर्द्धित यूरेनियम बना सकते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने की तकनीकी क्षमता है लेकिन इसे बनाने के लिए अभी ईरान की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है। ईरान अभी 60 फीसदी तक यूरेनियम को संवर्द्धित कर रहा है जो साल 2015 में हुई न्यूक्लियर डील से 3.67 प्रतिशत ज्यादा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एक परमाणु बम को बनाने के लिए यूरेनियम का 90 फीसदी संवर्द्धित होना जरूरी है। इससे पहले साल 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप परमाणु डील से पीछे हट गए थे। इस डील के तहत ईरान के यूरेनियम संवर्द्धन पर एक सीमा तय की गई थी और इसके बदले में ईरान को आर्थिक राहत दी गई थी। अमेरिका के कड़े प्रतिबंध लगा देने के बाद अब ईरान समझौते की शर्तों का उल्लंघन करने लगा है। इससे पहले पिछले साल ईरान के खुफिया विभाग के मंत्री ने कहा था कि पश्चिमी दबाव तेहरान को परमाणु हथियार हासिल करने के लिए बाध्य कर सकता है।