इस खास सूट से चीन के सैनिकों को मिली नई पावर, क्या भारत के लिए है बड़े खतरे का संकेत
लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीन सेना के बीच लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है
लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीन सेना के बीच लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है. एक ओर जहां भारतीय सेना (Indian Army) अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए तैनात है वहीं दूसरी ओर विस्तारवादी चीन कब्जा करने के इरादे से तरह-तरह के प्रयोग कर रहा है. चीन (China) अब अपनी सैनिकों को 'सुपर सोल्जर्स' (Super Soldiers) में बदल रहा है. चीन ने अपने सैनिकों के लिए एक 'एक्सोस्केलेटन सूट' (Exoskeleton Suit) तैयार किया है जो उन्हें भारी वजन ढोने में मदद करता है. एक्सोस्केलेटन सूट पहने सैनिक चीन की ओर से पूर्वी लद्दाख में तैनात किए गए हैं.
इस इलाके में एलएसी पर भारत और चीन के बीच पिछले साल से ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. रूस की न्यूज वेबसाइट आरटी ने बताया कि चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि पीएलए के सैनिकों को एक्सोस्केलेटन सूट पहनकर सीमा पर गश्त करते देखा गया. पिछले दिनों चीन की ओर से भारतीय सैनिकों के खिलाफ माइक्रोवेब वेपन के इस्तेमाल का दावा किया गया था. हालांकि भारतीय सेना ने इस दावे का खारिज कर दिया था.
नागरी में तैनात 'सुपर सोल्जर्स'
रिपोर्ट के मुताबिक ये सैनिक लद्दाक से सटे नागरी इलाके में तैनात किए गए हैं. एक्सोस्केलेटन सूट पहने हुए इन सैनिकों ने सीमा पर तैनात अपने सैनिक साथियों को न्यू ईयर गिफ्ट पहुंचाए. हालांकि रिपोर्ट में इसका खुलासा नहीं किया गया है कि ये सूट किसने बनाया है.
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक एक्सोस्केलेटन सूट पहने सैनिकों को दक्षिण-पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त वाले इलाके में तैनात किया गया है. सैनिक इस इलाके के नागरी में तैनात हैं. यहीं चीन का एक एयरफोर्स बेस भी स्थित है, जो भारत के खिलाफ हमले में चीन का एक अहम केंद्र भी बन सकता है.
खराब रास्तों पर भारी वजन ढोने में आसानी
ये इलाका सुमद्रतल से 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां मौसम बेहद ठंडा और तापमान शून्य से नीचे ही रहता है. ऐसे में सैनिकों को गश्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. चीनी सैनिकों ने ये सूट पहन लिया है और इसके सहारे वो खराब रास्तों और ठंडे मौसम में भी भारी बोझ आसानी से ढो रहे हैं.
ये सूट सैनिकों को कमर या पैर में लगने वाली चोट के खतरे को भी कम करता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस सूट की मदद से सैनिकों की पीठ पर लदे बोझ का वजन उनके पैरों के बजाय इस सूट पर ट्रांसफर हो जाता है. इससे सैनिक और ज्यादा लंबी दूरी तय कर सकता है और मिशन की अवधि भी बढ़ सकती है.