चार मार्च को चंद्रमा से टकराएगा चीनी रॉकेट का टुकड़ा: खगोलीय घटना
पृथ्वी से भेजे गये एक रॉकेट का टुकड़ा 4 मार्च को चंद्रमा पर टकराने वाला है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पृथ्वी से भेजे गये एक रॉकेट का टुकड़ा 4 मार्च को चंद्रमा पर टकराने वाला है। अब तक अनुमान था कि यह टुकड़ा उद्यमी इलोन मस्क की कंपनी स्पेसएक्सद्वारा प्रक्षेपित रॉकेट फाल्कन 9 का है, लेकिन अब खगोलविदों ने नया खुलासा किया है कि यह चीनी अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा भेजे गए मिशन चांग 5 टी1 के रॉकेट लॉन्ग मार्च उसी का है।
यह टकराव 4 मार्च को भारतीय समय अनुसार शाम 06:02 बजे होगा। प्लूटो प्रोजेक्ट के लिए खगोलीय सॉफ्टवेयर बनाने वाले बिल ग्रे ने पिछले महीने दावाकिया था कि फाल्कन 9 का टुकड़ा चंद्रमा से टकराएगा। 11 फरवरी 2015 को इस रॉकेट से डीप स्पेस क्लाइमेट ऑब्जर्वेटरी नामक उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा गयाथा। उपग्रह का काम धरती से करोड़ों किमी दूर रहकर सौर तूफानों की पहले से चेतावनी भेजना था। नासा की जेट प्रोपल्शन लैब के इंजीनियर जॉनजियोर्जिनी ने नया खुलासा किया कि यह फाल्कन 9 के टुकड़े नहीं हो सकते।
चांद से टकरा रहा चीनी रॉकेट ऐसे जाना
गैरी ने 2014-15 में हुए दूसरे प्रक्षेपणों की जानकारी जुटानी शुरू की। पता चला कि 23 अक्तूबर 2014 को चीन ने अपना चांग 5 टी1 अंतरिक्ष यान रॉकेट लॉन्गमार्च उसी के बजरिए भेजा था। चांग 5 2020 में चंद्रमा से मिट्टी और चट्टानों के सैंपल पृथ्वी पर अध्ययन के लिए लाया। खगोलविदों ने पाया कि इसके रॉकेट केतीसरे चरण का हिस्सा ही वह चीज है जो चंद्रमा से टकराने जा रही है।
हम नहीं देख पाएंगे यह टक्कर
यह टक्कर हम नहीं देख पाएंगे। यह चंद्रमा के उस हिस्से में हो रही है जो हमारी पृथ्वी पर मौजूद दूरबीनों या भेजे गए उपग्रहों की नजरों से ओझल रहता है।दूसरी ओर फाल्कन 9 रॉकेट का टुकड़ा कहां गया? यह रहस्य बढ़ा है। जवाबी अनुमान हैं कि वह सूर्य की ओर बढ़ गया। संभव है सूर्य की परिक्रमा कर रहा है।पहले भी कई मिशन के टुकड़े ऐसा कर चुके हैं। पूर्व में एक रहस्यमयी चीज सूर्य की परिक्रमा करती नजर आई थी, 2020 में पता चला कि वह 1966 में भेजे गएनासा के रोबोटिक सर्वेयर मिशन के रॉकेट का टुकड़ा था।
यूजर की उत्सुकता से हुआ खुलासा
जॉन होराइजन नामक एक ऑनलाइन डाटाबेस चलाते हैं। एक यूजर ने उनसे पूछा कि क्या चंद्रमा से टकरा रहा टुकड़ा फाल्कन 9 का ही है? सवाल ने जॉन को पड़ताल करने के लिए प्रेरित किया।
वैज्ञानिक ने मानी भूल
फिर से विश्लेषण कर गैरी ने पाया कि डीप स्पेस क्लाइमेट ऑब्जर्वेटरी का रॉकेट चंद्रमा से होते हुए नहीं, बल्कि सीधे मार्ग पर भेजा गया था। उन्होंने अपनी
गलती मानते हुए कहा उन्हें अपने अनुमान पर फिर से विचार करना चाहिए, शायद वे इसे पहले पहचान पाते।