मीडिया और रजनयिकों से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा -आक्रामक रुख में लाएं नरमी
चीनी संस्कृति के प्रसारण पर जोर
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर संवाद के लिए देश की सरकारी मीडिया और राजनयिकों से नरम रूख बरतने की अपील की है, जिसमें खुलापन हो. पर्यवेक्षकों का मानना है कि कोविड-19 (Covid-19) के कारण बीजिंग के अलग-थलग पड़ने को देखते हुए यह विरल स्वीकारोक्ति है. 'चेयरमैन' माओ त्से तुंग के बाद शी की चीन के सबसे शक्तिशाली नेता की छवि है. उन्होंने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के पोलित ब्यूरो के समूह अध्ययन सत्र के दौरान ये बातें कही हैं.
जिनपिंग ने कहा कि चीन की बातों को बेहतर तरीके से बताने के लिए नई संकल्पना, क्षेत्र और अभिव्यक्ति का निर्माण किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संदेश को नरमी एवं विनम्रता से कहे जाने की आवश्यकता है (Chinese Media). भाषण पर सरकारी 'चाईना डेली' ने लिखा कि शी ने कहा कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जिससे खुलापन, विश्वास हो और इसे नरमी एवं विनम्रता से कहा जाए. इसने बताया कि चीन को ऐसी आवाज की जरूरत है, जो इसके राष्ट्रीय ताकत और अंतरराष्ट्रीय स्थिति के अनुकूल हो.
चीनी संस्कृति के प्रसारण पर जोर
उन्होंने चीनी संस्कृति को विदेशों में प्रसारित करने के प्रयास पर जोर दिया और कहा कि कम्युनिस्ट देश की विश्वसनीय, प्रशंसनीय और सम्मानीय छवि बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए. शी के हवाले से बताया गया, 'यह आवश्यक है कि दोस्त बनाए जाएं, एकजुट होकर बहुमत का दिल जीता जाए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोस्तों को लगातार बढ़ाया जाए.' यह पूछने पर कि क्या शी के बयानों के परिप्रेक्ष्य में कूटनीतिक प्रयासों में चीन अलग रुख अपनाने जा रहा है तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन (Wang Wenbin) ने कहा कि बयान चीन के 'शांतिपूर्ण विकास' के मुताबिक था.
माहौल तैयार करने की बात कही
उन्होंने कहा, 'मैं बताना चाहता हूं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रचार कार्यों को बढ़ाने एवं सुधारने से चीन को अपने सुधार एवं विकास के लिए अनुकूल बाह्य माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी.' कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus in China) को लेकर चीन एक बार फिर दुनिया के निशाने पर है. कई अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स एक बार फिर खबरों में हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से निकला था. जिसके बाद वायरस की उत्पत्ति की जांच की मांग उठ रही है.