चीनी: अंतरिक्षयात्रियों का कमाल, पहली बार पहुंचे अपने स्पेस स्टेशन में
स्पेस सुपरपावर बनने की महत्वकांक्षा रखने वाले चीन के तीन अंतरिक्षयात्रियों ने आखिरकार कारनामा कर दिखाया है
पेइचिंग: स्पेस सुपरपावर बनने की महत्वकांक्षा रखने वाले चीन के तीन अंतरिक्षयात्रियों ने आखिरकार कारनामा कर दिखाया है। करीब सात घंटे तक चली यात्रा के बाद चीन के अंतरिक्षयात्री अब देश के अंतरिक्ष स्टेशन में कदम रखने में सफल हो गए हैं। चीन के अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण और उसमें अंतरिक्षयात्रियों के कदम रखने को खगोलीय विज्ञान की दुनिया में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इस ऐतिहासिक घटना के वीडियो में चीनी अंतरिक्षयात्री स्पेस स्टेशन का दरवाजा खोलकर अंदर घुसते दिखाई दे रहे हैं।
चीन के ये तीनों अंतरिक्षयात्री अब अगले तीन महीने तक अंतरिक्ष में रहकर तरह-तरह के प्रयोग करेंगे। चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (सीएमएसए) के मुताबिक शेझाउ-12 अंतरिक्ष यान गुरुवार दोपहर अंतरिक्ष स्टेशन के कोर मॉड्यूल तियान्हे से सफलतापूर्वक जुड़ गया और ऑर्बिटल कैप्सूल को प्रवेश करा दिया। सीएमएस ने कहा कि पहली बार चीनियों ने अपने खुद के अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया है। इसने यहां एक बयान में कहा कि ये तीनों अंतरिक्ष यात्री योजना के मुताबिक वहां जरूरी कार्य करेंगे। सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक अंतरिक्ष यान को बृहस्पतिवार सुबह रवाना किया गया था और चीनी स्टेशन से उसे जुड़ने की पूरी प्रक्रिया में करीब साढ़े छह घंटे का वक्त लगा।
विश्व पर चीनी अंतरिक्ष यात्री पैनी नजर रख सकेंगे
अंतरिक्ष यान को लॉन्ग मार्च-2 एफ रॉकेट के साथ उत्तर पश्चिम चीन के गोबी मरूस्थल स्थित जियुक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से रवाना किया गया था। इस अभियान का आधिकारिक टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया। अंतरिक्ष यान शेंझाउ-12 ने तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को अप्रैल में प्रक्षेपित किये गये अंतरिक्ष स्टेशन तियान्हे के कोर मॉडॅयूल की कक्षा में प्रवेश करा दिया। चीन के हालिया मंगल और पिछले चंद्र अभियान के बाद देश के लिए सर्वाधिक प्रतिष्ठित एवं रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही यह अंतरिक्ष परियोजना आसमान से चीन की निगेहबानी करेगी। इसके जरिए शेष विश्व पर उसके अंतरिक्ष यात्री पैनी नजर रख सकेंगे।
अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी की निचली कक्षा में धरती की सतह से 340 से 450 किमी की ऊंचाई पर 10 साल से अधिक समय तक संचालित होगा। तियान्हे पर उतरने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों, कमांडर नीये हेशेंग (56), लियू बूमिंग (54) और तांग होंगबो (45) तीन महीने के अभियान पर वहां रहेंगे। वे अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण से जुड़े कार्य करेंगे, जिसके अगले साल तक तैयार होने की उम्मीद है। हेशेंग ने पृथ्वी की कक्षा के पास पहुंचने पर कहा, 'बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। ' वह इसे पहले ही भी दो अंतरिक्ष अभियानों में जा चुके हैं। यह चीन का सबसे लंबा और करीब पांच साल में पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान होगा।
चीन के दिग्गज नेताओं ने देखा लाइव कवरेज
चीन ने इससे पहले तियान्हे कोर केबिन मॉडयूल को 29 अप्रैल को और एक कार्गो अंतरिक्ष यान को कुछ सामग्री के साथ 29 मई को भेजा था। स्टेशन का निर्माण करने वाले तीनों अंतरिक्ष यात्री चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान की अवधि का एक नया रेकॉर्ड बनाने वाले हैं, जो 2016 में शेंझाउ-11 के सदस्यों के 33 दिनों के रेकॉर्ड से अधिक होगा। अगले महीने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी 'कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना' के शताब्दी समारोहों से पहले इस अंतरिक्ष यान को भेजा जाना उसके नेतृत्व में चीन की एक अहम उपलब्धि को प्रदर्शित करता है।
इस अभियान के राजनीतिक महत्व को प्रदर्शित करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे दो उप प्रधानमंत्रियों , हान झेंग और लियू हे भी प्रक्षेपण कार्यक्रम में बीजिंग एयरोस्पेस फ्लाइट कंट्रोल सेंटर से शरीक हुए। इसके अलावा, रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग सहित चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारी भी शरीक हुए। हेशेंग ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा था, 'चीन के अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण के हिस्से के तहत यह पहला मानवयुक्त अभियान होगा।'
पाकिस्तान के लिए खुलेंगे दरवाजे, टेंशन में अमेरिका
इस स्टेशन के तैयार हो जाने पर यह पाकिस्तान जैसे चीन के करीबी सहयोगियों और अन्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग साझेदारों के लिए भी उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके तैयार हो जाने पर चीन एकमात्र देश होगा जिसके पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा, जबकि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) कई देशों की सामूहिक परियोजना है। चीन का अंतरिक्ष स्टेशन रोबोटिक आर्म से लैस होगा, जिसके संभावित सैन्य इस्तेमालों की आशंका को लेकर अमेरिका ने अपनी चिंता प्रकट की है।