चीन का गुप्त दुष्प्रचार अभियान दिन के दिन हो रही तेज, 2 करोड़ से ज्यादा लोगों की बनाई स्वयंसेवी इंटरनेट सेना
चीन का दुष्प्रचार अभियान किसी से छिपा नहीं है और अपनी छवि चमकाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी किस तरह का अभियान चला सकती है,
चीन का दुष्प्रचार अभियान किसी से छिपा नहीं है और अपनी छवि चमकाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी किस तरह का अभियान चला सकती है, यह बात एक रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग विंटर ओलिंपिक से पहले चीन का गुप्त दुष्प्रचार अभियान दिन पर दिन तेज होता जा रहा है। उसने दो करोड़ से अधिक लोगों की स्वंयसेवी इंटरनेट सेना बनाई है और विदेशी ब्लागर्स की भर्ती की है। डिप्लोमैट मैगजीन में एक रिपोर्ट में सिटिजन पावर इनिशिएटिव फार चाइना के अध्यक्ष जियानली यांग और निक मोनाको ने चेताया कि वर्ष 2022 चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के लिए कठिन वर्ष साबित होने जा रहा है।
चिनफिंग को बीजिंग विंटर ओलिंपिक से पहले कई चुनौतियों से निपटना है। इनमें एक है विंटर ओलिंपिक का राजनयिक बहिष्कार तो दूसरी है -कोरोना महामारी।इन चुनौतियों से निपटने के लिए ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की दुष्प्रचार इकाई ने कमर कसी है और अपने तरीके से जनता की राय बदलने के लिए एक तरह के सूचना युद्ध में लगी हुई है। वाशिंगटन स्थित द डिप्लोमैट के अनुसार, दुष्प्रचार की माओ शैली खतरनाक है। चीन ने पार्टी की युवा इकाई के अंतर्गत दो करोड़ से अधिक लोगों की एक स्वंयसेवी इंटरनेट सेना बनाई है जो इंटरनेट मीडिया पर दुष्प्रचार को आगे ले जाती है।
इसमें कालेज के छात्र और पार्टी की युवा इकाई के सदस्य शामिल हैं। चीन की यह इंटरनेट सेना विदेशों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के बीच विभाजन पैदा करने का भी काम करती है। उसकी यह सेना विदेशों के आनलाइन संदेशों को छिपाने का भी कार्य करती है। हाल के वषरें में उसने विदेशी ब्लागर्स की भी भर्ती शुरू की है जो स्थानीय भाषाओं में चीन के पक्ष में प्रचार प्रसार कर रहे हैं।