ओमिक्रोन को लेकर चीन सख्त, कोविड प्रोटोकॉल नियम तोड़ा तो निकाला जुलूस

चीन के सख्त कोविड प्रोटोकॉल के नियम तोड़ने वाले चार संदिग्धों को देश के दक्षिण में एक शहर में परेड में घुमाया गया.

Update: 2021-12-31 06:16 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन के सख्त कोविड प्रोटोकॉल के नियम तोड़ने वाले चार संदिग्धों को देश के दक्षिण में एक शहर में परेड में घुमाया गया. चीन के सख्त कोरोना वायरस विरोधी उपायों के तहत कम से कम चार संदिग्ध नियम तोड़ने वालों को देश के दक्षिण में एक शहर में सार्वजनिक रूप से बदनाम किया गया. राज्य मीडिया ने बताया कि गुआंग्जी के स्वायत्त क्षेत्र के जिनशी शहर में एक बड़ी भीड़ के सामने आरोपियों का सफेद सुरक्षात्मक सूट में जुलूस निकाला गया. इन लोगों पर अवैध प्रवासियों को सीमा पार करने में मदद करने का आरोप है. प्रवासी पड़ोस के विएतनाम से हैं. महामारी के प्रकोप के बाद से ही चीन अपनी सीमाओं को लगभग पूरी तरह से बंद कर चुका है. सीमाओं को सील कर चीन बाहर से आने वाले संक्रमणों को रोकना चाहता है. इस परेड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में चारों आरोपी पीपीई किट पहने हुए नजर आ रहे हैं और हाथ में उनकी तस्वीर वाले प्लेकार्ड हैं

इनपर उनके नाम भी लिखे हुए हैं. इनके साथ दो-दो सुरक्षाकर्मी भी पीपीई किट पहने चल रहे हैं. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अभियान की वजह से चीन ने साल 2010 में संदिग्ध अपराधियों को इस तरह सार्वजनिक तौर पर सजा देने के चलन को बंद कर दिया था. लेकिन एक बार फिर इस तरह से सजा की तीखी आलोचना हो रही है. वीबो पर एक यूजर ने लिख, "इस तरह के लोग इसके ही लायक हैं. क्या होगा अगर वे वायरस को देश के अंदर ले आएं?" यह तस्वीरें माओत्से तुंग के तहत 1966 से 1976 के बीच हुई सांस्कृतिक क्रांति के दौरान आम थीं. उस समय भी इसी तरह से आरोपियों को सार्वजनिक तौर पर बेइज्जत किया जाता था. चीनी सरकार ने 2010 में अपराधियों की सार्वजनिक बदनामी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन हाल के महीनों में यह प्रथा कोरोना वायरस विरोधी कार्रवाई के मद्देनजर बार-बार सामने आई है. 
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