चीन ने फिर शुरू किया पाकिस्तान में अपने हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर काम, बस बम धमाके में मारे गए थे कई चीनी मजदूर

इस साल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक भीषण बम धमाका हुआ था, जिसमें चीन के 13 श्रमिकों की मौत हो गई.

Update: 2021-10-26 04:27 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस साल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक भीषण बम धमाका हुआ था, जिसमें चीन के 13 श्रमिकों की मौत हो गई. ये सभी लोग 4320 मेगावाट की दासू हाइड्रोपावर परियोजना पर काम करने के लिए जा रहे थे. लेकिन तभी इनकी बस को निशाना बनाते हुए उसमें विस्फोट किया गया. प्रोजेक्ट का काम पाकिस्तान में चीनी कंपनी कर रही है. 13 जुलाई को हुए हमले के बाद से इसपर काम बंद था (Bus Blast in Pakistan). लेकिन अब यहां एक बार फिर काम शुरू हो गया है. चीन की गझौबा ग्रुप ऑफ कंपनीज (सीजीजीसी) ने अपने पाकिस्तानी इंजीनियर्स, कर्मियों और दूसरे स्टाफ को एक नोटिस जारी किया है.

इस नोटिस में कहा गया है, 'वापडा (पाकिस्तान का जल एवं विद्युत विकास प्राधिकरण) द्वारा दासू प्रोजेक्ट वाले क्षेत्र की सुरक्षा में काफी सुधार किया गया है और साइट का काम 25 अक्टूबर, 2021 से धीरे-धीरे फिर से शुरू किया जाएगा.' पाकिस्तानी कर्मचारियों ने कहा कि साइट की आवश्यकताओं के अनुसार उन सभी लोगों को, जिन्होंने पहले सीजीजीसी (चीनी कंपनी) के साथ काम किया था, उन्हें काम पर लौटने के लिए नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया है (Dasu Hydropower Project Blast). नोटिस में कहा गया है, 'कर्मचारियों को किस वक्त लौटना है, इसकी जानकारी विभागों में काम करने वाले चीनी लीडर्स टेलीफोन करके बताएंगे.'
18 राउंड की बैठक हुई
कर्मचारियों को अपने साथ कोरोना वायरस टीकाकरण और गैर-आपराधिक रिकॉर्ड प्रमाण पत्र लाने के लिए भी कहा गया है, जबकि दासू क्षेत्र के श्रमिकों को स्थानीय क्लिनिक से चिकित्सा प्रमाण पत्र लाने को कहा गया है. वापडा के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल मुजम्मिल हुसैन और सीजीजीसी के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी टीम के बीच जारी बातचीत के बाद ही विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित इस परियोजना पर काम फिर से शुरू हो सका है (Dasu Project World Bank). सूत्रों का कहना है, 'वापडा बातचीत दल, सीजीजीसी और चीनी राजदूत नोंग रोंग के बीच 18 राउंड की बैठक हुई है. जिसके बाद दोबारा काम शुरू करने पर फैसला लिया गया.'
सेना को तैनात किया गया
सरकार ने दासू बस विस्फोट के बाद कोहिस्तान में सेना को तैनात किया था, जो काराकोरम राजमार्ग के माध्यम से चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों को कार्यस्थलों और संबंधित शिविरों तक ले जाने का काम करती है. विश्व बैंक की दो अलग-अलग टीम ने आकर भी परियोजनाओं का निरीक्षण किया है (Chinese Projects in Pakistan). इन टीमों ने परियोजना पर शांतिपूर्ण काम के लिए उचित सुरक्षा उपाय अपनाने को कहा है. बता दें इस बस विस्फोट के बाद चीन और पाकिस्तान के रिश्ते बिगड़ने लगे थे. पहले पाकिस्तान ने बस बम धमाके को तकनीकी कारणों से हुआ विस्फोट बताया था लेकिन बाद में इसे आतंकी हमला बताया गया.


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