बीजिंग । चीन ने तीन साल के अंतराल के बाद पर्यटन उद्देश्यों सहित भारतीय यात्रियों के लिए सभी प्रकार के वीजा को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। चीन की तरफ से मंगलवार को घोषणा करते हुए बताया गया कि चीनी दूतावास और भारत में महावाणिज्य दूतावास 15 मार्च से विभिन्न प्रकार के चीनी वीजा जारी करना फिर से शुरू कर रहा है। इसके साथ, चीन ने 2020 की शुरुआत में कोरोना वायरस महामारी के बाद पहली बार अपनी सीमाओं को फिर से खोलने के कदम के रूप में पर्यटन वीजा, पोर्ट वीजा और कई वीजा-छूट नीतियों सहित विदेशियों के लिए सभी प्रकार के वीजा फिर से शुरू कर दिए हैं। हालांकि, आवक यात्रियों को अधिक विस्तृत आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं के लिए अपने स्थानीय चीन दूतावासों या वाणिज्य दूतावासों से परामर्श करने की सलाह दी गई है।
जानकारों का कहना है कि इससे सबसे ज्यादा फायदा उन भारतीय स्टूडेंट्स को होगा, जो चीन की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे और कोविड लॉकडाउन के कारण उन्हें भारत लौटना पड़ा था। इस वजह से उनकी पढ़ाई बीच में ही लटक गई थी। चीन के इमिग्रेशन अधिकारियों के अनुसार वीजा संबंधी नीतियां वुधवार से प्रभावी होंगी। कुछ जगहों के लिए वीजा फ्री एंट्री भी शुरू की जाएगी। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 28 मार्च 2020 से पहले जारी वीजा से भी देश में एंट्री की जा सकती है। चीन ने टूरिज्म और इकॉनमी को बढ़ावा देने के प्रयासों के वीच यह कदम उठाया है। उसने कहा कि सीमा पार यात्रा को सुगम बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
पहले की तरह कुछ जगह वीज़ा फ्री एंट्री मिलेगी
क्रूज़ के जरिए शंघाई आने वालों, हॉन्ग कॉन्ग, मकाऊ और आसियान देशों के टूरिस्टों के लिए वीजा फ्री ट्रैवल पहले की तरह जारी रहेगा। इनमें दक्षिणी द्वीप हैनान भी है, जो रूसी टूरिस्टों के बीच काफी लोकप्रिय है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आगंतुकों के लिए वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट या कोविड निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत होगी या नहीं। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि संबंधित देशों से चीन आने वाले लोगों की जांच के लिए बेहतर उपाय किए गए हैं। चीन में आने वाले लोगों को विमान में बैठने से पहले कोविड जांच कराने की सुविधा प्रदान की जाएगी।