China in Tibet: भारत के साथ तनाव के बीच पहली बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनिपंग ने किया तिब्बत का दौरा

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के साथ जारी तनाव के बीच अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बती शहर का दौरा किया है

Update: 2021-07-23 04:29 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने भारत के साथ जारी तनाव के बीच अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बती शहर का दौरा किया है. न्यिंगची नाम का ये शहर रणनीतिक रूप से काफी अहम है. इस बात की जानकारी शुक्रवार को एक आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, शी बुधवार को न्यिंगची मेनलैंड एयरपोर्ट आए थे (Nyingchi in Tibet). यहां स्थानीय लोगों और अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. ऐसा कहा जा रहा है कि साल 2011 में सत्ता संभालने के बाद ये उनका पहला तिब्बत का दौरा है.

इसके बाद शी ने ब्रह्मपुत्र नदी के बेसिन में पारिस्थितिक संरक्षण का निरीक्षण करने के लिए न्यांग नदी पुल का दौरा किया, जिसे तिब्बती भाषा में यारलुंग जांगबो कहा जाता है. न्यिंगची की बात करें तो यह तिब्बत का एक शहर है, जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है (China Arunachal Pradesh Border). चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और उसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है, जबकि भारत उसके इस दावे को सिरे से खारिज करता है. भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) शामिल है.

तिब्बत में पहली बुलेट ट्रेन शुरू
चीन के नेता भी आए दिन तिब्बत का दौरा करते रहते हैं लेकिन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और सेंट्रल मिलिट्री कमिशन की अध्यक्षता करने वाले शी बीते वर्षों में तिब्बत का दौरा करने वाले पहले वरिष्ठ नेता हैं. इससे पहले न्यिंगची खबरों में तब आया था, जब चीन ने तिब्बत में पहली बुलेट ट्रेन की शुरुआत की थी (China Arunachal Pradesh Bullet Train). ये ट्रेन तिब्बत की प्रांतीय राजधानी लहासा को न्यिंगची से जोड़ती है. इसकी रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा है और 435.5-किमी इलाके को कवर करने वाली ट्रेन बिजली से चलती है.

रणनीतिक रूप से अहम है रेलवे
इससे पहले इसी ट्रेन को लेकर शी कह चुके हैं कि यह स्थिरता को सुरक्षित रखने में मदद करेगी. उनका इशारा अरुणाचल से लगी सीमा से था. अगर चीन का भारत के साथ संघर्ष होता है तो यह रेलवे लाइन रणनीतिक रूप से उसके काफी काम आएगी. चीन यहां बुनियादी ढांचा विकसित करने में लगा हुआ है (Railway in Tibet). उसने रेल के साथ-साथ सड़क मार्गों को भी दुरुस्त करने पर काम शुरू कर दिया है. उसने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हाईवे का निर्माण किया है. जो मेडोग काउंटी को जोड़ता है और इसकी सीमा अरुणाचल प्रदेश से लगती है.


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