चीन ने पाकिस्तान और भारत के बीच हुई बातचीत पर जताई खुशी, कहा- शांति के साथ करेंगे काम
चीन (China) की ओर से सोमवार को कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत (Pakistan India) के बीच हाल ही में तत्परता से बातचीत होने को लेकर वह खुश है.
चीन (China) की ओर से सोमवार को कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत (Pakistan India) के बीच हाल ही में तत्परता से बातचीत होने को लेकर वह खुश है. साथ ही, उसने संकेत दिया कि क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास की दिशा में 'और अधिक सकारात्मक ऊर्जा लगाने' के लिए वह इस्लामाबाद (China on India and Pakistan) के साथ मिलकर काम करना चाहता है. भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों की सेनाओं ने 25 फरवरी को घोषणा की थी कि वे जम्मू-कश्मीर और अन्य सेक्टरों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम को लेकर हुए सभी समझौतों की कड़ाई से पालन करने पर राजी हुए हैं.
घोषणा के कुछ सप्ताह बाद ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) ने भारत की ओर शांति का हाथ बढ़ाते हुए कहा था कि अब वक्त आ गया है कि दोनों पड़ोसी देश 'अपने अतीत को पीछे छोड़कर आगे बढ़ें.' इमरान खान ने कहा था कि भारत को पाकिस्तान से शांति रखने पर आर्थिक लाभ होगा. इससे भारत को पाकिस्तान के रास्ते मध्य एशिया तक पहुंच मिल जाएगी.
अल्वी की टिप्पणी पर दी प्रतिक्रिया
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम पाकिस्तान और भारत के बीच तत्परता से बातचीत होने को लेकर खुश हैं.' उन्होंने कहा, 'हम पाकिस्तान के साथ मिलकर क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास की दिशा में और अधिक सकारात्मक ऊर्जा लगाना चाहेंगे.' उनसे पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया था.
चीन को बताया था करीबी मित्र
अल्वी ने 25 मार्च को पाकिस्तान दिवस परेड में कहा था कि चीन देश का 'सबसे करीबी मित्र है.' अल्वी की टिप्पणी का स्वागत करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तनाव को कम करने के लिए हाल में भारत-पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों का भी संदर्भ दिया. वहीं इमरान खान ने भी चीन की सरहाना की थी (Pakistan on Imran Khan). उन्होंने तीन दशक में करीब 70 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने को चीन की बड़ी सफलता बताया था. साथ ही कहा था कि भले ही चीन को पसंद किया जाता हो या नहीं लेकिन ये एक बड़ी सफलता है.