चीन को रास नहीं आया WHO की ओर से लैब की जांच किए जाने वाला प्लान, बताया- साइंस का अपमान

चीन ने वुहान में कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के दूसरे चरण, खासकर लैब से इस वायरस के लीक होने संबंधी पहलू की जांच की डब्ल्यूएचओ की योजना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है

Update: 2021-07-23 06:06 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन ने वुहान में कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के दूसरे चरण, खासकर लैब से इस वायरस के लीक होने संबंधी पहलू की जांच की डब्ल्यूएचओ की योजना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है. उसने इन खबरों का भी खंडन किया कि इस शहर और दुनिया में इस जानलेवा विषाणु के फैलने से पहले लैब के कुछ कर्मी संक्रमित हुए थे. नेशनल हेल्थ कमीशन (National Health Commission) के उपमंत्री जेंग यिक्जिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में ये बातें कही हैं.

उन्होंने कहा कि चीन कोविड-19 की उत्पति की जांच के दूसरे चरण की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की संस्तुत योजना को नहीं मानेगा. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रस्तावित उत्पति अध्ययन के दूसरे चरण की कार्ययोजना में ऐसी भाषा है जो विज्ञान का सम्मान नहीं करती है (China Coronavirus Origin). डब्ल्यूएचओ और उसके महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयेसस की चीन द्वारा आलोचना तब की गई है, जब उन्होंने (महानिदेशक ने) चीन से पारदर्शी बनने और नए आंकड़े देने का आह्वान किया.

घेब्रेयेसस ने की थी चीन की प्रशंसा
इससे पहले कोरोना वायरस से निपटने में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping WHO) की प्रशंसा करने पर घेब्रेयेसस को चीन से सराहना मिली थी. महानिदेशक ने कहा था, 'खासकर सूचना एवं अंतरिम आंकड़ा, जो हमने महामारी के शुरुआती दिनों में चीन से मांगा था, को लेकर (हम) वाकई उससे पारदर्शी, खुला और सहयोगपूर्ण होने की मांग कर रहे हैं. हमारी इस महामारी से प्रभावित और इससे जान गंवाने वाले उन लाखों लोगों के प्रति यह बताने की जवाबदेही बनती है कि दरअसल हुआ क्या था.'

जांच योजना में लैब-बाजार शामिल
सरकारी अखबार ग्लोबल टाईम्स की खबर है कि डब्ल्यूएचओ ने पिछले शुक्रवार को चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति के दूसरे चरण के अध्ययन का प्रस्ताव रखा था, जिसमें वुहान की सभी लैब और बाजार शामिल हैं (Wuhan Lab Leak Theory). सरकारी चाइना डेली की खबर के अनुसार जेंग ने कहा कि अनुसंधान उद्देश्य में एक परिकल्पना यह है कि चीन ने लैब विनियमों का उल्लंघन किया और वायरस को लीक किया, वह इस प्रस्ताव को पढ़कर 'स्तब्ध' हैं.

डब्ल्यूएचओ की योजना की निंदा की
उन्होंने कहा कि इसके बजाय अगले चरण के अध्ययन में विभिन्न क्षेत्रों और देशों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. चीन पहले भी कई बार दावा कर चुका है कि दुनिया में एक साथ कई स्थानों पर कोरोना वायरस फैला लेकिन चीन दिसंबर, 2019 में उसके बारे में रिपोर्ट करने वाला पहला देश है जब वुहान में यह महामारी फैली थी (WHO on Covid Origin). जेंग ने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ की कार्ययोजना से 'स्तब्ध ' हैं क्योंकि उसमें राजनीतिक प्रभाव एवं वैज्ञानिक तथ्यों के प्रति अनादर को जगह दी गई है.

'विशेषज्ञों को हर जगह जाने दिया'
उन्होंने कहा कि इस साल प्रारंभ में चीन ने डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों (WHO Probe in China) को उन सभी स्थानों पर जाने दिया जहां वे जाना चाहते थे, उन सभी लोगों से मिलने दिया जिससे वे मिलना चाहते थे, ऐसे में अब डब्ल्यूएएचओ-चीन संयुक्त अध्ययन समय की कसौटी पर खरा उतरेगा. जेंग ने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि वुहान विषाणुविज्ञान संस्थान (डब्ल्यूआईवी) के तीन कर्मी कोविड-19 के पहले दस्तावेजी मामले सामने आने से महज कुछ समय पहले संक्रमित हुए थे. उन्होंने कहा कि संस्थान का कोई भी कर्मी या विद्यार्थी संक्रमित नहीं हुआ.

मरीजों की जानकारी ना देने की वजह बताई
चीन ने अस्पताल में भर्ती मरीजों का विवरण देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह व्यक्तिगत निजता का उल्लंघन है और डब्ल्यूएचओ द्वारा मांगा गया अंतरिम आंकड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा विनियमों में आता है (China Coronavirus Data). जेंग ने कहा कि संस्थान में कोई मानवनिर्मित वायरस नहीं है और उसने रोगजनकता बढ़ाने वाला अनुसंधान कभी नहीं किया. अमेरिका 2020 के प्रारंभ में वुहान विषाणुविज्ञान संस्थान से कोरोना वायरस के लीक की संभावना की जांच पर जोर देता रहा है.

बाइडेन ने जांच करने को कहा था
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के उत्तराधिकारी जो बाइडेन (Joe Biden) ने खुफिया बिरादरी से कोरोना वायरस की उत्पति की तह तक जाने के लिए प्रयास दोगुणा करने को कहा है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने मंगलवार को मीडिया से कहा था कि 55 देशों ने टेड्रोस को पत्र लिखकर वायरस की उत्पति के मुद्दे का राजनीतिकरण करने का विरोध किया है.


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