चीन ने बनाया प्रकाश आधारित दुनिया का पहला क्वांटम कंप्यूटर, 100 ट्रिलियन गुना ज्यादा तेज

टेक्नॉलजी की रेस में सुपरकंप्यूटर्स एक बड़ा पड़ाव माना जाता है और चीन के वैज्ञानिकों ने रोशनी |

Update: 2020-12-06 09:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक| टेक्नॉलजी की रेस में सुपरकंप्यूटर्स एक बड़ा पड़ाव माना जाता है और चीन के वैज्ञानिकों ने रोशनी पर आधारित दुनिया का पहला क्वॉन्टम कंप्यूटर बनाने का दावा किया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह कंप्यूटर पारंपरिक सुपरकंप्यूटर के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से काम कर सकता है। चीन की सरकारी मीडिया में शनिवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक यह वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता है जिसकी मदद से ऐसी शक्तिशाली मशीन को बनाने के तरीके में मौलिक बदलाव आएगा।

मिली बड़ी सफलता
इस बारे में जर्नल 'साइंस' में प्रकाशित रिसर्च पेपर के हवाले से सरकारी अखबार 'चाइना डेली' ने बताया कि 'जियूझांग' क्वॉन्टम कंप्यूटर भरोसेमंद तरीके से 'क्वॉन्टम अभिकलनात्‍मक श्रेष्ठता' (कंप्यूटेशनल अडवान्टेज) का प्रदर्शन कर सकता है जो कंप्यूटर क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि क्वॉन्टम कंप्यूटर बहुत तेजी से काम करते हैं जो पारंपरिक कंप्यूटर के लिए संभव नहीं है। क्वॉन्टम कंप्यूटर की मदद से भौतिक विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्धि हासिल होती है। उल्लेखनीय है कि गत कुछ वर्षों से चीन क्वॉन्टम प्रौद्योगिकी में महारत हासिल करने के लिए भारी निवेश कर रहा है।
कितना तेज कंप्यूटर?

खबर के मुताबिक इस सुपर कंप्यूटर का नाम 'जियूझांग' नामक, गणित के प्राचीन चीनी ग्रंथ के नाम पर दिया गया है। यह सुपर कंप्यूटर जो गणना मात्र 200 सेकेंड में कर सकता है उसे करने में पारंपरिक पद्धति से बने दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर 'फुगाकू' को 60 करोड़ साल लगेंगे। इसे दूसरी तरह से समझें तो चीन का नया क्वॉन्टम कंप्यूटर सुपरकंप्यूटर फुगाकू से 100 ट्रिलियन गुना ज्यादा तेज है।
चीन की विज्ञान अकादमी ने बताया कि वर्ष 2017 में चीन ने क्वॉन्टम संचार उपग्रह को प्रक्षेपित किया था जो हैक नहीं किया जा सकता और सुरक्षा की अत्याधुनिक विशेषताओं से लैस है। इसके अगले साल चीन ने 2000 किलोमीटर लंबी 'हैक प्रूफ' क्वॉन्टम संचार लाइन का उद्घाटन किया जिसे देश की राजधानी बीजिंग से आर्थिक मुख्यालय शंघाई के बीच स्थापित किया गया है।


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