युवाओं के बीच छाया देसी ऐप चिंगारी, कैसे करें इस ऐप का इस्तेमाल
भारत में जब टिकटॉक को बैन किया गया तब देसी ऐप चिंगारी युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हुआ
भारत में जब टिकटॉक को बैन किया गया तब देसी ऐप चिंगारी युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हुआ. लेकिन अब चिंगारी एक बार फिर नए ऐप से वापसी कर रहा है. इस बार चिंगारी क्लबहाउस का देसी वर्जन लेकर आया है. यानी की जैसे टिकटॉक का देसी वर्जन चिंगारी था वैसी ही अब क्लबहाउस के देसी वर्जन का नाम फायरसाइड है. इस ऐप को वॉयस आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बताया जा रहा है. क्लबहाउस फिलहाल सिर्फ iOS यूजर्स तक ही लिमिटेड है लेकिन चिंगारी अपने ऐप को एंड्रॉयड यूजर्स के लिए भी लेकर आई है.
ऐप को पहले ही गूगल प्ले पर लिस्ट कर दिया गया है. फायरसाइड ऐप एक सोशल नेटवर्किंग ऐप है जो आपको बुद्धिमान लोगों के साथ एक ग्रुप बनाने में मदद करता है. यानी की आपके ग्रुप में कई लोग हैं जो एक टॉपिक पर बात करना चाहते हैं तो वो इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर ग्रुप में एक साथ जुड़ सकते हैं और फिर अपनी अपनी राय दे सकते हैं. यानी की आप अपने आइडिया भी दूसरे लोगों के साथ इस ऐप पर शेयर कर सकते हैं.
कैसे करें इस ऐप का इस्तेमाल
यूजर्स को इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले अपने फोन नंबर्स की मदद से साइनअप करना होगा. यूजर्स की जानकारी ट्विटर से भी इंपोर्ट की जा सकती है. इसमें आपको दो टैब्स मिलेंगे. पहला एक्सप्लोर और दूसरा कम्यूनिटीज. यूजर्स यहां हर ग्रुप को देख सकते हैं और किसी भी ग्रुप में जॉइन कर सकते हैं.
क्लबहाउस की तरह फायरसाइड ऐप में भी आप लोगों को फॉलो कर सकते हैं और उनके साथ कनेक्शन बना सकते हैं. कंपनी ने कहा है कि, हर सेशन के बाद यूजर ऐप में चैट भी कर सकता है. ऐप में आप किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं और फिर अपने हिसाब से भाषा बोल सकते हैं.
क्लबहाउस के डाउनलोड्स में आ रही है गिरावट
चिंगारी के लिए यहां सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि, क्लबहाउस के डाउनलोड्स में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसे में क्या यूजर्स फायरसाइड का इस्तेमाल करेंगे. क्योंकि एक तरफ जहां विदेशी ऐप का इस्तेमाल कम हो गया है और ये सिर्फ अभी एपल यूजर्स के लिए ही आया था. ऐसे में क्या एंड्रॉयड यूजर्स को इसकी लत लगेगी. टिकटॉक के बदले चिंगारी ऐप इसलिए मशहूर हुआ था क्योंकि उस दौरान यूजर्स के पास टिकटॉक का कोई विकल्प नहीं था. लेकिन फिलहाल क्लबहाउस उपलब्ध है और ऐसे में फायरसाइड को लॉन्च कर दिया गया है.
क्यों गिर रही है क्लबहाउस की पॉपुलेरिटी?
ऐप ट्रैकिंग डेटा पर अगर यकीन करें तो क्लबहाउस के डाउनलोड्स में लगातार गिरावट आ रही है. नए यूजर्स इस प्लेटफॉर्म पर कम हो रहा है. सेंसर टावर डाटा के अनुसार क्लबहाउस ऐप को पिछले महीने 922,000 डाउनलोड्स हासिल हुए थे. यानी की इसमें 66 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यही डाटा मार्च में 2.7 मिलियन डाउनलोड्स का था. ऐसे में इस ऐप में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है.
क्या चिंगारी के क्रिएटर्स कर पाएंगे कमाल
हालांकि फिलहाल ये कहा नहीं जा सकता कि चिंगारी का फायरसाइड भारत में कितना मशहूर होगा और एंड्रॉयड यूजर्स इसे कितना पसंद करेंगे. लेकिन अब तक फिलहाल ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई है कि फायरसाइड को लोग कितना पसंद कर रहे हैं. फायरसाइड का UI काफी बेहतरीन दिखता है. लेकिन इस ऐप को दिसंबर में लॉन्च किया जाना चाहिए था क्योंकि उस दौरान ऑडियो चैट ऐप्स को लेकर लोगों के बीच दीवानगी काफी ज्यादा थी.
फिलहाल मार्केट में क्लबहाउस ऐप का कोई टक्कर नहीं है. फेसबुक यहां ऐसे ऐप पर काम तो कर रहा है लेकिन मार्केट में इसे कब लॉन्च किया जाएगा फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है. वहीं ट्विटर भी इस ट्रेंड को फॉलो कर रहा है और जल्द ही दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स मार्केट में ये ऐप ला सकते हैं. लेकिन क्या ये क्लबहाउस को टक्कर दे पाएंगे. क्योंकि अभी तो कोई ऐसा वायरल ऐप नहीं आया है जिसकी तुलना क्लबहाउस से की जा रही है. ऐसे में ये चिंगारी क्रिएटर्स के लिए भी चिंता का विषय है कि उनका ऐप फिलहाल ज्यादा कमाल नहीं दिखा पा रहा है. वहीं भारत में लोगों के बीच भी ऑडियो चैट ऐप्स को लेकर ज्यादा क्रेज देखने को नहीं मिल रहा है.
क्या कहते हैं आजकल के युवा?
ऑडियो चैट ऐप को लेकर मैंने दो युवाओं से बात की. अंकित फिलहाल इंजीनियरिंग कर रहे हैं तो वहीं हिमांशु एक कंसल्टेंसी में काम कर रहा है. अंकित को जहां क्लबहाउस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी तो वहीं हिमांशु को थी लेकिन उन्होंने कहा कि, उस प्लेटफॉर्म फिलहाल मेरे लिए कोई ऐसा टॉपिक नहीं मिला जिसमें जुड़कर मैं लोगों की बात सुन सकूं. ऐसे में जब हमने हिमांशु से पूछा तो उन्होंने कहा कि, फिलहाल मेरे लिए ये ज्यादा खास नहीं है. क्योंकि मुझे अपने दोस्तों से बात करनी होती है तो हम ग्रुपचैट कर लेते हैं. हालांकि अगर आपको किसी बड़े टॉपिक पर बात करना है तो आप दूसरे बड़े लोगों के साथ जुड़कर उनका आइडिया शेयर कर सकते हैं. दोनों यूजर्स ने अंत में यही कहा कि, भारत में इस ऐप को पॉपुलर होने में फिलहाल काफी समय लगेगा क्योंकि देश में पहले ही इतने बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स हैं जिसपर युवा काफी व्यस्त है.