नेपाल में विदेशी मुद्रा संकट के बीच केंद्रीय बैंक के गर्वनर निलंबित, लक्जरी वस्तुओं के आयात पर लगा प्रतिबंध
श्रीलंका के बाद नेपाल पर भी आर्थिक संकट मंडरा रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हो रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। श्रीलंका के बाद नेपाल पर भी आर्थिक संकट मंडरा रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हो रहा है। वस्तुओं और सेवाओं के आयात के लिए नेपाल के पास अब केवल छह महीने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। केंद्रीय बैंक ने विलासिता (लक्जरी) से जुड़ी अन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इस बीच, सरकार से मतभेदों के चलते केंद्रीय बैंक के गर्वनर महा प्रसाद अधिकारी को सरकार ने निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि वे अर्थव्यवस्था को संभालने में विफल रहे हैं।
पूर्ववर्ती केपी शर्मा ओली सरकार ने वर्ष 2020 में महा प्रसाद अधिकारी को गर्वनर बनाया था। पिछले हफ्ते नेपाल के केंद्रीय बैंक ने नकदी की कमी और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का हवाला देते हुए वाहनों और विलासिता से जुड़ी अन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
बैंक के प्रवक्ता गुनाखर भट्टा ने कहा था, बढ़ते आयात के कारण अर्थव्यवस्था के संकट में फंसने की आशंका दिख रही है। इसलिए, हमने उन वस्तुओं के आयात को रोकने पर चर्चा की है जो बेहद जरूरी नहीं हैं।
पर्यटन और निर्यात से कम आय के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट
जुलाई 2021 के बाद से, नेपाल ने बढ़ते आयात और पर्यटन और निर्यात से कम आय के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2022 तक नेपाल का सकल विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2021 के मुकाबले 17 प्रतिशत घटकर 9.75 बिलियन अमेरिकी डालर हो गया था। जुलाई 2021 के मध्य में यह 11.75 बिलियन अमेरिकी डालर था।
वस्तुओं के उच्च आयात के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार दबाव में
नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने आश्वासन दिया कि नेपाल की स्थिति श्रीलंका जैसी नहीं होगी। शर्मा ने कहा, नेपाल की अर्थव्यवस्था की श्रीलंका से तुलना करके दहशत पैदा करने के बजाय हमें इसे सुधारने पर ध्यान देने की जरूरत है। शर्मा ने हालांकि स्वीकार किया कि पेट्रोलियम उत्पादों, वाहनों और विलासिता की वस्तुओं के उच्च आयात के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार दबाव में है।