नई दिल्ली: जानलेवा हमले के बाद एक महिला दो साल तक कोमा में रही. डॉक्टरों और पुलिसवालों को लगा कि अब शायद ही वह कभी ठीक हो सकेगी. ऐसी हालत में पुलिस पर दबाव था कि वो हमलावर की तलाश करे. लेकिन कोई सबूत ना मिलने की वजह से उनके हाथ खाली थे. इसी बीच महिला कोमा से बाहर आ जाती है और एक झटके में केस सॉल्व हो जाता है. आइए जानते हैं कैसे...
ये मामला अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया का है. जहां वांडा पामर (Wanda Palmer) नाम की महिला पर 2020 में उसके ही घर में अटैक हुआ था. हमलावर ने कुल्हाड़ी से वांडा के सिर पर कई वार कर उसे लहूलुहान कर दिया था. हमलावर उसे मरा समझकर मौके से फरार हो गया.
इसके बाद सूचना पाकर घटनास्थल पहुंचे पुलिस अधिकारी रॉस मेलेंजर ने वांडा पामर को अस्पताल पहुंचाया, जहां वो कोमा में चली गई. वांडा के कोमा में चले जाने के बाद पुलिस के पास हमलावर को खोजने की चुनौती थी, क्योंकि उनके पास ना तो कोई सीसीटीवी फुटेज था, ना ही कोई गवाह.
पुलिस वांडा से पूछताछ भी नहीं कर सकती थी, क्योंकि वो कोमा में थीं. इसी तरह दिन बीतते गए और पूरे दो साल बीत गए, लेकिन वांडा पर हमला करने वाली पहचान नहीं हो सकी. लेकिन पिछले दिनों इस केस में नया मोड़ आया.
दरअसल, अस्पताल से पुलिस अधिकारी रॉस मेलेंजर के पास फोन आया कि वांडा पामर दो साल बाद कोमा से बाहर आ गई हैं. ये सुनकर मेलेंजर को यकीन नहीं हुआ. वो फौरन डॉक्टरी सलाह के बाद वांडा का बयान लेने पहुंच गए. अपने बयान में वांडा पामर ने बताया कि उसपर हमला किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं बल्कि उसके भाई डैनियल पामर ने किया था.
डैनियल ने कुल्हाड़ी से बहन वांडा के सिर पर कई वार किए थे. बयान के बाद हत्या के प्रयास और हमला करने के आरोप में डैनियल को गिरफ्तार कर लिया गया.