घरों को गर्म करने के लिए हरित तकनीक अपनाकर 20 फीसदी उत्सर्जन कम करेगा ब्रिटेन, बड़े अभियान की शुरुआत

ब्रिटेन वर्ष 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कई स्तरों पर कार्य कर रहा है।

Update: 2021-11-16 02:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटेन वर्ष 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कई स्तरों पर कार्य कर रहा है। इसमें 2030 तक पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारों को बंद करने के अलावा घरों को गर्म रखने के लिए जीवाश्म ईधन के इस्तेमाल को रोकना भी शामिल है। यहां भवनों को गर्म रखने में ऊर्जा की खपत करीब 20 फीसदी है यानी करीब 20 फीसदी ब्रिटेन, कार्बन उत्सर्जन, हरित तकनीक, एयर सोर्स हीट पंप, ग्रीनहाउस उत्सर्जन, हीटिंग सिस्टम, UK, carbon emissions, green technology, air source heat pumps, greenhouse emissions, heating systems,

भवनों के गर्म करने के कारण होता है।

ब्रिटेन ने घरों में लगने वाली पुरानी गैस और केरोसिन आधारित सिस्टम को बदलने के लिए रिन्यूबल हीट इंसेंटिव योजना शुरू की है। इसमें लोगों को पांच हजार पाउंड की सब्सिडी भी दी जाती है। इसके लिए शुरुआत में 45 करोड़ पाउंड के बजट का प्रावधान भी किया है। यह योजना तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इग्लैंड के ग्लौस्टर शहर के निकट बर्डवुड में ग्लौस्टर के भारतीय मूल के पूर्व मेयर हरजीत गिल बताते हैं कि सरकार की इस योजना से न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है बल्कि इससे लोगों का तेल और गैस का खर्च भी घट रहा है। परंपरागत ओल्ड बायलर सिस्टम केरोसिन से संचालित होता था और इसके संचालन पर सालाना पांच हजार लीटर केरोसिन खर्च होता था। आप कल्पना कर सकते हैं कि एक घर में पांच हजार लीटर केरोसिन यदि इस्तेमाल हो तो वह पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचाएगा, लेकिन इसकी जगह जो एयरसोर्स हीट पंप स्थापित किया गया है वह हरित तकनीक पर आधारित है। यह बिजली तथा बाहरी हवा से संचालित होता है। यह मूलत: एयरकंडीशनर की भांति ही कार्य करता है, जिससे ऊर्जा की खपत बेहद कम हो जाती है।
एयर सोर्स हीट पंप स्थापित होंगे
लंदन के ग्राथम रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार यदि ब्रिटेन के सभी घरों में एयर सोर्स हीट पंप स्थापित कर दिए जाएं तो इससे 14 फीसदी तक कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सकता है। इस पंप से हीटिंग पर ऊर्जा की खपत 55-60 फीसदी तक कम हो जाती है, जबकि व्यावसायिक भवनों में भी इसके स्थापित होने के बाद ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 20 फीसदी तक कम हो जाएगा।
हीटिंग सिस्टम भी बदलेगा
ब्रिटेन ने 2025 के बाद नए बनने वाले सभी घरों, व्यावसायिक भवनों में गैस या तेल आधारित हीटिंग सिस्टम पर रोक लगाने का भी फैसला किया है। साथ ही पुराने 2.5 करोड़ घरों एवं भवनों में पुराने हीटिंग सिस्टम को बदलने का अभियान भी आरंभ कर दिया है।
हरित तकनीक का इस्तेमाल शुरू
गिल कहते हैं कि जलवायु वार्ताओं में रणनीति बनाने के साथ जमीनी स्तर पर भी कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ब्रिटेन में हीटिंग सिस्टम में हरित तकनीक का इस्तेमाल शुरू हुआ है, उसी प्रकार भारत में सौर ऊर्जा को घरों में कूलिंग एवं हीटिंग सिस्टम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत सरकार हालांकि सौर ऊर्जा के विस्तार के लिए बड़े लक्ष्यों के साथ कार्य कर रही है, लेकिन यदि घरों को भी सौर ऊर्जा के जरिये ऊर्जा दक्ष बनाया जाए तो इससे पर्यावरण के साथ-साथ लोगों को भी फायदा होगा।
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