ब्रिटेन ने यूक्रेन से अपने नागरिकों को बुलाया वापस, अमेरिका भी जारी कर चुका है एडवाइजरी
अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने भी यूक्रेन में रहने वाली अपनी जनता से देश को तुरंत छोड़ने की अपील की है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका (United States) के बाद अब ब्रिटेन ने भी यूक्रेन में रहने वाली अपनी जनता से देश को तुरंत छोड़ने की अपील की है। यूक्रेन सीमा पर रूस अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा रहा है। इसके कारण जो हालात हैं उनमें यूक्रेन पर किसी भी समय रूस का हमला हो सकता है। स्थितियों के मद्देनजर ब्रिटिश व अमेरिकी नागरिकों को जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने को कहा गया है। इस बीच जापान और नीदरलैंड्स ने भी अपने नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकलने को कहा है।
ब्रिटेन के फारेन, कामनवेल्थ एंड डेवलपमेंट आफिस के प्रवक्ता ने कहा, 'ब्रिटिश जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हमने यूक्रेन में रहने वाले ब्रिटिश नागरिकों को वहां उपलब्ध कमर्शियल वाहनों के जरिए तुरंत देश छोड़ने की सलाह दी है।'
बता दें कि यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाइयों का खतरा काफी बढ़ गया है और इसलिए ही ब्रिटेन और अमेरिका की ओर से वहां रहने वाले अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की कवायद की जा रही है। हालांकि रूस ने यूक्रेन पर हमले को लेकर किसी योजना से इन्कार किया है लेकिन इसने सीमा पर दस हजार से अधिक सैनिकों को तैनात कर दिया है। अमेरिका द्वारा जारी किए गए एडवाइजरी में कहा गया है, 'कोविड-19 व यूक्रेन पर संभावित रूस के हमले को देखते हुए वहां की यात्रा न करें, जो वहां हैं वे तुरंत देश छोड़ दें। यदि वहीं रहना है तो अतिरिक्त एहतियात बरतें और रूस के हमले से बचने की क्षमता रखें।' अमेरिका का दावा है कि रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच सकती है। इसके मद्देनजर अमेरिका से हथियारों की खेप यूक्रेन पहुंच रहा है। इस बीच अमेरिका यूक्रेन की मदद करने की कोशिश में जुट गया है। इसकी जानकारी स्वयं यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ट्वीट कर दी।
विदित हो यूक्रेन सीमा पर रूस के 1,20,000 सैनिक और आधुनिक हथियारों का जखीरा पहले से तैनात है। बेलारूस में यूक्रेन की सीमा के नजदीक वहां के सैनिकों के साथ 30 हजार रूसी सैनिक इन दिनों युद्धाभ्यास कर रहे हैं, तो काला सागर में रूसी युद्धपोतों ने पहुंचकर युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है।
रूस व ब्रिटेन के विदेश मंत्री के बीच हुई मुलाकात
यूक्रेन मसले पर गुरुवार को मास्को में रूस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री मिले। इस दौरान बातचीत में यूक्रेन सीमा से रूसी सैन्य जमावड़े को हटाने के मसले पर दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों के बीच तड़का-भड़की हो गई। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने जहां यूक्रेन पर हमला करने पर रूस को बड़े दुष्परिणाम भुगतने और भारी कीमत चुकाने जैसी चेतावनी दी, तो जवाब में उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ने पश्चिमी देशों का लेक्चर (मनमाना प्रलाप) न सुनने और धमकी स्वीकार न करने की बात कही। लावरोव ने कहा, मसले के वैचारिक और नैतिक बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। केवल धमकियां दी जा रही हैं। विदित हो कि रूस और ब्रिटेन के संबंध अच्छे नहीं हैं और चार साल से ज्यादा समय बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की यह मुलाकात हुई थी। मुलाकात में ट्रस ने जहां औपचारिकताओं को दरकिनार करते हुए भावहीन चेहरे के साथ अपने रूसी समकक्ष से बात की, तो लावरोव ने भी कठोर शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें जवाब दिए