रूस के पड़ोसी किर्गिजिस्तान और ताजिकिस्तान के सैनिकों में खूनी झड़प

दुनिया में पिछले 7 महीने से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. इसी बीच आजरबैजान और आर्मीनिया के बीच भी जंग शुरू हो गई है. अब सोवियत संघ का हिस्सा रहे किर्गिजिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच भी लड़ाई भड़क गई है.

Update: 2022-09-17 00:50 GMT

दुनिया में पिछले 7 महीने से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. इसी बीच आजरबैजान और आर्मीनिया के बीच भी जंग शुरू हो गई है. अब सोवियत संघ का हिस्सा रहे किर्गिजिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच भी लड़ाई भड़क गई है. दोनों ओर से शुक्रवार को भारी हथियारों से हुई गोलाबारी में 24 लोग मारे गए हैं और 87 घायल हुए हैं. दोनों देशों ने इस झड़प का इल्जाम एक दूसरे के ऊपर लगाया है.

शुक्रवार को दोनों देशों ने बरसाए गोले

सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच छोटी-मोटी झड़प इस हफ्ते से ही शुरू हो गई थी लेकिन शुक्रवार को अचानक यह बड़ी हो गई. ताजिकिस्तान (Tajikistan) की सेना ने टैंक, आर्टिलरी और रॉकेट लॉन्चर के साथ किर्गिजिस्तान (Kyrgyzstan) के सरहदी शहर बातकेन (Batken) पर गोले और रॉकेट बरसाने शुरू कर दिए. अचानक शुरू हुए इस हमले से शहर में भगदड़ मच गए. हालात गंभीर होते देख किर्गिस्तान की सरकार ने इमरजेंसी ऑपरेशन चलाकर शहर में रहने वाले 1 लाख 36 हजार लोगों को वहां से निकाला.

सिविलियन इलाकों पर भी हुई बमबारी

किर्गिजिस्तान बॉर्डर सर्विस के मुताबिक, लड़ाई उस समय भड़की जब ताजिकिस्तान (Tajikistan) की सेना ने शुक्रवार सुबह किर्गिजिस्तान (Kyrgyzstan) की सीमा चौकियों पर हमले शुरू कर दिए. इसके साथ ही बातकेन शहर के एयरपोर्ट पर मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर से रॉकेट बरसाए गए. किर्गिजिस्तानी सेना के मुताबिक ताजिकिस्तानी आर्मी ने शहर के सिविलियन इलाकों को भी नहीं छोड़ा और वहां भी बमबारी करके पूरी तरह तहस-नहस कर दिया. इसके बाद किर्गिजिस्तान की सेना ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए ताजिकिस्तान के गांवों पर बमबारी शुरू की.

नहीं टिक पाया संघर्ष विराम समझौता

दिन भर दोनों देशों (Kyrgyzstan-Tajikistan) की सेनाओं के बीच गोलाबारी होती रही. शाम को दोनों देशों के बॉर्डर गार्ड चीफ की मीटिंग हुई, जिसमें तुरंत संघर्ष विराम करने पर सहमति जताई गई. लेकिन इस सहमति की घोषणा करने के थोड़ी देर बाद दोनों देशों की सेनाओं में फिर गोलाबारी शुरू हो गई. ताजिकिस्तान के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने आपसी बातचीत और सीज फायर का प्रस्ताव दिया था लेकिन किर्गिजिस्तान की सेना ने उसे नकार दिया.

दोनों देशों के राष्ट्रपतियों में बातचीत

दोनों देशों (Kyrgyzstan-Tajikistan) के बीच हुई इस गोलाबारी का असर शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद पहुंचे दोनों देशों के राष्ट्रपतियों पर भी पड़ा. संगठन के एजेंडे से अलग हटकर किर्गिजिस्तान के राष्ट्रपति Sadyr Zhaparov और ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति Emomali Rakhmon ने आपस में बात की. दोनों राष्ट्रपतियों ने हालात को चिंताजनक बताते हुए संघर्ष को रोकने और सरहद पर तैनात सैनिकों को पीछे करने पर सहमति जताई. संगठन की बैठक खत्म होने के तुरंत बाद किर्गिजिस्तान के राष्ट्रपति तुरंत अपने देश लौट गए और सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की.

पिछले साल भी भिड़ चुके हैं दोनों देश

दोनों देश (Kyrgyzstan-Tajikistan) पिछली साल भी आपस में भिड़ चुके हैं. उस वक्त पानी के अधिकार को लेकर दोनों देशों में विवाद भड़क गया था. साथ ही ताजिकिस्तान की सेना बॉर्डर की रखवाली के लिए सरहद पर कैमरे लगाना चाहती थी, जिसका किर्गिजिस्तान की आर्मी विरोध कर रही थी. धीरे-धीरे तनाव हिंसक झड़प में बदल गया और दोनों देशों की सेनाओं में गोलाबारी हुई, जिसमें 55 लोगो की जान चली गई थी. तब से मामला ठंडा तो पड़ा था लेकिन आपसी तनाव अंदर ही अंदर बना हुआ था.

 

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