जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन लेने वाले 28 लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की पुष्टि, जानिए अमेरिका ने क्या कहा
भारत इसके लिए जेएंडजे को हरसंभव मदद देने को तैयार है।
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसीपी) ने जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने के बाद 28 लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की पुष्टि की है। इनमें से छह लोग पुरुष हैं। गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने 15 महिलाओं में यह समस्या देखने को मिली थी। रिपोर्ट में ऐसे मामलों को बहुत मामूली बताया गया है। हालांकि, यह भी कहा गया है कि 30 से 49 वर्ष के बीच के लोगों को इस तरह की समस्या का ज्यादा जोखिम है।
सीडीसी में टीकाकरण सुरक्षा कार्यालय के डिप्टी डायरेक्टर टॉम शिमबुकुरो ने कहा कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को खतरा ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक पीडि़तों के मस्तिष्क में खून का थक्का जमने यानी ब्लड क्लॉटिंग की समस्या देखी गई है। इनका प्लेटलेट भी कम हुआ है। पिछले महीने इस तरह के मामले सामने आने के बाद जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का इस्तेमाल रोक दिया गया था, लेकिन 10 दिन बाद ही रोक हटा ली गई थी।
भारत में वैक्सीन लाने की कोशिश जारी
भारत में कोरोना वैक्सीन की कमी दूर करने के लिए सरकार की चौतरफा कोशिशों में नजरें अब अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (जेएंडजे) पर हैं। दोनों देशों की सरकारों के बीच जानसन की वैक्सीन(जेएंडजे वैक्सीन) को क्वाड व्यवस्था के तहत बनाने के विकल्प पर भी बात हो रही है। तीन दिन पहले दिल्ली में अमेरिका के नए उपराजदूत ने इस बात के संकेत दिए थे और अब केंद्र सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार वीके पाल ने भी कहा है कि भारत इसके लिए जेएंडजे को हरसंभव मदद देने को तैयार है।