अजीबोगरीब टैक्स! कहीं शरीर में कुछ बदलाव करने पर, तो कहीं टॉयलेट फ्लश पर लगता है कर

केंद्रीय बजट 2021-22 पेश होने के साथ सभी की निगाहें टैक्स से रिलेटेड घोषणा पर होंगी. जानें विदेशों के टैक्स

Update: 2021-02-01 08:55 GMT

केंद्रीय बजट 2021-22 पेश होने के साथ सभी की निगाहें टैक्स से रिलेटेड घोषणा पर होंगी. भारत में इनकम टैक्स के साथ ही जीएसटी सबसे अहम टैक्स है, जो आपके द्वारा खरीदे गए सामानों पर लगता है. लेकिन, दुनियाभर में कई ऐसे टैक्स की व्यवस्था भी है, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. कई जगह टैटू बनवाने पर टैक्स है तो कई जगह टॉयलेट फ्लश को लेकर टैक्स लगता है.

अमेरिका में तो अलग अलग शहरों में कई तरह के टैक्स लगते हैं. इसमें टैटू बनाने पर लगने वाले टैक्स से लेकर ताश के पत्ते पर लगने वाला टैक्स तक शामिल है. ऐसे में जानते हैं दुनियाभर के उन अजीबोगरीब टैक्स के बारे में, जिनके बारे में जानकर आपका सिर चकरा जाएगा. आइए जानते हैं वो कौन-कौन से टैक्स हैं…
टैटू बनवाने पर टैक्स
अमेरिका के अर्कांसस में अगर आप शरीर में कुछ बदलाव करते हैं तो आप पर टैक्स लगता था. जैसे किसी ने टैटू बनवाया है या अनचाहे बाल हटाए हैं तो उन्हें टैक्स का भुगतान करना होता था. ऐसा होने पर 6 फीसदी तक टैक्स लगता था.

टॉयलेट फ्लश पर टैक्स
टॉयलेट फ्लश करने पर टैक्स लगता था. जी हां, अमेरिका के मैरीलैंड में ऐसे ही होता था, जहां टॉयलेट फ्लश को लेकर टैक्स होता था. यहां की सरकार टॉयलेट फ्लश के उपयोग पर लोगों से प्रति महीने करीब 355 रुपये टैक्स वसूलती है. हालांकि इन पैसों को नालों की साफ-सफाई पर खर्च किया जाता है.

फैट टैक्‍स
साल 2016 में केरल सरकार ने मोटापा बढ़ाने वाली चीजों को खाने से रोकने के लिए जंक फूड पर फैट टैक्स लगाया था. जंक टैक्स को मोटापा का सबसे बड़ा कारक माना जाता है. केरल सरकार ने इसकी दर 14.5 फीसदी तय की है.

गाय पर टैक्‍स
हमारे यहां गाय को लेकर कई मान्यताएं हैं. लेकिन कई जगह ऐसी भी हैं, जहां गाय पालने से रोकने के लिए इस पर टैक्स लगा रखा है. यूरोपीय यूनियन का मानना है कि गाय की वजह से ग्लोबल वार्मिंग होती है क्योंकि हरे चारे को पचाने के लिए जुगाली करती है जिससे मिथेन गैस निकलती है. यूरोप की ग्रीनहाउस गैस में इसका हिस्सा करीब 18 फीसदी है.

ताश पर टैक्स
अमेरिका के अलबामा में ताश पर टैक्स लगाया जाता है. यहां ताश खरीदने पर अलग से टैक्स लगता है और दुकानदार के लाइसेंस के लिए पैसे भी देने पड़ते हैं. हालांकि, इनमें से कई टैक्स को अब कई देशों ने हटा भी लिया है.


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