यहां एयरपोर्ट पर लगाए गए बायमेट्रिक फेस स्कैनर, अब बोर्डिंग पास की जरुरत नहीं

एयरपोर्ट पर लगाए गए बायमेट्रिक फेस स्कैनर

Update: 2022-04-12 14:10 GMT
हवाई यात्रा को बाकी के साधनों से ज्यादा आरमदायक माना जाता है. इससे समय के साथ-साथ लोगों को काफी अधिक सुविधा भी मिलती है. हालांकि, ये अन्य साधनों से थोड़ा ज्यादा महंगा पड़ता है. इतना ही नहीं, बात अगर बस और ट्रेन से यात्रा को हवाई यात्रा से कंपेयर करने की करें, तो फ्लाइट में सबसे ज्यादा कड़े सिक्युरिटी से गुजरना पड़ता है. लेकिन सेफ्टी के लिहाज से लोग सारे नियमों को मानते हुए प्लेन में बोर्ड करते हैं. हालांकि, अब मेलशिया ने हवाई यात्रियों को थोड़ी सुविधा देते हुए बोर्डिंग पास के नियम को खत्म कर दिया है.
अगर आप फ्लाइट से ट्रेवल कर रहे हैं, तो अब तक आपके पास बोर्डिंग पास होना अनिवार्य होता था. बोर्डिंग पास में आपकी सारी जानकारी, आपकी फ्लाइट की डिटेल मेंशन होती है. इसी पास को देखने के बाद यात्रियों को प्लेन में चढ़ने की इजाजत दी जाती है. लेकिन अब मलेशिया ने बोर्डिंग पास के नियम को खत्म कर दिया है. यहां अब बायोमेट्रिक फेस रिकग्निशन स्कैनर्स लगाए गए हैं. इसके जरिये अब सिर्फ चेहरा स्कैन होते ही यात्री की पूरी डिटेल मिल जाएगी.
इस एयरपोर्ट से हुई शुरुआत
मलेशिया एयरपोर्ट ने फेसबुक पर इस नई शुरुआत की जानकारी दी. पेज पर पोस्ट में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि Kuala Lumpur International Airport (KLIA) देश का पहला एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें बोर्डिंग पास की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. यहां biometric facial recognition technology शुरू हो गई है, जिसमें अब चेहरे को स्कैन कर ही यात्री की जानकारी पाई जा सकेगी.
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कोरोना के कारण हुआ बदलाव
दुनिया में जबसे कोरोना महामारी फैली, उसके बाद से ही सोशल डिस्टेंसिंग के हर तरीके का स्वागत किया जा रहा है. भारत में जहां कई फ्लाइट्स ने ई-बोर्डिंग पास की शुरुआत कर दी, वहीं अब लोग कम से कम पेपर बोर्डिंग पास का इस्तेमाल करते हैं. ताकि छूने से वायरस ना फैले. इस वायरस की रोकथाम के लिए बायोमेट्रिक फेस रिकग्निशन स्कैनर काफी काम का सिद्ध होगा. इसके जरिए अब बिना संपर्क में आए ही यात्री की जानकारी मिल जाएगी और लोग आराम से ट्रेवल कर पाएंगे. आगे इसे बाकी एयरपोर्ट्स पर भी लागू करने की तैयारी हो रही है.
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