द्विपक्षीय बैठक: विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- भारत-ऑस्ट्रेलिया हिंद-प्रशांत में समावेशी वृद्धि के लिए साथ काम करेंगे
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया ने अधिक विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति शृंखला सुनिश्चित करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया ने अधिक विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति शृंखला सुनिश्चित करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। इस संकल्प में सामरिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापक-समावेशी वृद्धि भी शामिल है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मैराइज पायने के साथ क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
पायने के साथ द्विपक्षीय बैठक और शुक्रवार को क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के बाद जयशंकर ने संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री के साथ दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में घटनाक्रम पर भी चर्चा की।
उन्होंने क्षेत्र में आक्रामक बर्ताव करने वाले चीन का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि उदार लोकतंत्रों के तौर पर भारत और ऑस्ट्रेलिया सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता का सम्मान करते हुए कानून आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, वैश्विक समुद्री क्षेत्र में नौवहन स्वतंत्रता, संपर्क, वृद्धि और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए साथ मिलकर काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा, हमने कोविड चुनौती से निपटने और अन्य मैत्रीपूर्ण देशों को टीकों के लिए मदद करने के अपने अनुभव साझा किए।
आतंकवाद व चरमपंथ पर भी चिंताएं साझा कीं
जयशंकर ने कहा हम अधिक विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति शृंखला बनाने तथा हिंद-प्रशांत में व्यापक, समावेशी वृद्धि सुनिश्चित के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, मंत्री पायने और मैंने आतंकवाद तथा चरमपंथ पर चिंताएं भी साझा कीं। हमारी सीमा पार आतंकवाद को लेकर गंभीर चिंताएं हैं तथा बहुपक्षीय मंच पर आतंकवाद विरोधी सहयोग गहरा करने का साझा प्रयास है।
आस्ट्रेलिया की सीमा खोलने का स्वागत
कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया के लिए अपने दरवाजे बंद कर लिए थे। ऐसे में दो साल बाद सीमाओं को पहली बार खोलने की घोषणा का विदेश मंत्री जयशंकर ने स्वागत किया। उन्होंने कहा, यह कदम फंसे हुए भारतीय छात्रों और वीजा धारकों को ऑस्ट्रेलिया से लौटने में मदद करेगा। बता दें, ऑस्ट्रेलिया ने उन लोगों के लिए सीमाएं खोली हैं जिन्होंने टीके की पूरी खुराक ले ली हैं।
भारतीय छात्रों का आस्ट्रेलिया में पढ़ना अब होगा आसान
ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन व निवेश मंत्री डैन तेहान इन दिनों भारत दौरे पर हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच हुए समझौतों पर बड़ा एलान करते हुए कहा, भारत के लिए केनबरा द्वारा घोषित मैत्री पहल रोड्स एंड फुलब्राइट छात्रवृत्ति, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के समान हैं। उन्होंने बताया, यह शानदार पहल भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रिश्ते और बढ़ाएगी व सुधारेगी।
मंत्री ने कहा कि उच्च स्तरीय डॉक्टरेट छात्रों के लिए 11 फेलोशिप मिलेंगी और रोड्स एंड फुलब्राइट छात्रवृत्ति के बराबर एक वजीफा मिलेगा। तेहान ने कहा, छात्रवृत्ति भारतीय छात्रों को ऑस्ट्रेलिया जाने में सक्षम बनाएगी और उन्हें लागत के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें सिर्फ अध्ययन की चिंता करनी होगी। इसके लिए 15 लाख डॉलर छात्रों के ऑस्ट्रेलिया आने का सिर्फ एक हिस्सा हैं। इससे दोनों देशों के संबंध और सुधरेंगे।
व्यापार-निवेश में भी गहरे रिश्ते : पायने
मेलबर्न में आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मैराइज पायने ने कहा, भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार-निवेश में भी गहरे रिश्ते हैं। उन्होंने दोनों देशों के मजबूत रिश्तों पर भरोसा जताते हुए कहा, यह एक समझौता दोनों देशों के लिए नए व्यापार और निवेश के मौके खोलेगा। विशेष रूप से, हमारी संबंधित अर्थव्यवस्थाओं को इसके चलते कोविड-19 के प्रभाव से उबरने के लिए भी मदद मिलेगी।
युद्ध स्मारक पहुंचे जयशंकर
10 से 13 फरवरी तक ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने क्वाड बैठक के बाद ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में से एक श्राइन ऑफ रिमेंबरेंस का दौरा किया। उन्होंने ट्वीट किया, ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में से एक, स्मरण मंदिर का दौरा किया। यह शहीद सैनिकों की स्मृति का सम्मान करने का एक महत्वपूर्ण क्षण रहा।
जयशंकर-ब्लिंकेन ने की रिश्तों समीक्षा, रूस-यूक्रेन संकट पर चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने क्वाड (चतुष्पक्षीय) मंत्रिस्तरीय वार्ता के इतर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से मेलबर्न में मुलाकात की। और इस दौरान दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के हालात, रूस-यूक्रेन संकट से निपटने के रायनयिक प्रयासों और कोविड-19 पर चर्चा की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, इस मुलाकात में साझा प्राथमिकताओं पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।