यूक्रेन की सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच बाइडेन ने 3,000 सैनिकों को यूरोप भेजने का दिया आदेश, रूस को करारा जवाब देने की तैयारी
यूक्रेन की सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच जो बाइडेन ने करीब 3,000 अमेरिकी सैनिकों को ईस्टर्न यूरोप भेजने का आदेश जारी किया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन की सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच जो बाइडेन ने करीब 3,000 अमेरिकी सैनिकों को ईस्टर्न यूरोप भेजने का आदेश जारी किया है। बताया जा रहा है कि यूएस प्रेसिडेंट ने यह कदम रूस को काउंटर करने के लिए उठाया है। यूएस अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि यूनाइटेड स्टेटस करीब 3,000 अतिरिक्त सैनिकों को पोलैंड और रोमिनाया जाने के आदेश जारी किया है। यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूसी सैनिकों के जमावड़े को लेकर रूस के साथ रूकी हुई वार्ता के बीच अमेरिका ने यह कदम उठाया है। इधर रूस ने अपनी तरफ से इशारा किया है कि वो ब्रिटेन का मजाक उड़ाने से पीछे नहीं हटेगा। रूस ने ब्रिटेन के राष्ट्रपति बोरिस जॉनसन को पूरी तरह से भ्रमित बताया है।
अमेरिका ने पूरे यूरोप में बढ़ती इस आशंका को रेखांकित किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर आक्रमण करने को आतुर हैं और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के पूर्वी यूरोप में छोटे सदस्य देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगली बारी उनकी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूस के एक लाख से अधिक सैनिक तैनात करने के बाद यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंका बढ़ गई है। हालांकि, रूसी अधिकारियों ने जोर देते हुए कहा है कि आक्रमण करने की मास्को की कोई मंशा नहीं है।
मॉस्को ने इससे पहले यूक्रेन के बॉर्डर के पास अपने 1 लाख से ज्यादा सैनिकों को तैनात कर रखा है। रूस ने अपने पड़ोसी के साथ किसी तरह की युद्ध की बात से तो इनकार किया है लेकिन उसने कहा है कि अगर उसकी मांगें पूरी नहीं हुईं तब वो मिलिट्री एक्शन ले सकते हैं। अमेरिका ने जिन 3,000 सैनिकों को यूरोप भेजने का आदेश दिया है उनमें से करीब 1,000 जर्मनी-बेस्ड सैनिकों को वो रोमानिया (Romania) में शिफ्ट कर रहे हैं।
बुधवार को एक स्पेनिश समाचार पत्र में प्रकाशित एक लीक दस्तावेज से यह पता चला है कि यूक्रेन की सीमा से यदि रूस पीछे हटने का फैसला करता है तो यूरोप में मिसाइल की तैनाती पर तनाव को घटाने के लिए अमेरिका उसके(रूस के) साथ एक समझौता करने को इच्छुक हो सकता है। एल पेइस समाचार पत्र ने दो दस्तावेज प्रकाशित किये हैं, जो अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) द्वारा पिछले हफ्ते यूरोप में एक नए सुरक्षा समझौते के लिए रूस के प्रस्तावों को जवाब में लिखे गए थे।