यूक्रेन संकट को लेकर बाइडन ने पूर्वी यूरोप में सेना भेजेंगे का किया ऐलान, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- फरवरी में हमला कर सकता है रूस

यूक्रेन संकट के बीच राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस पर दबाव बढ़ाने को लेकर पूर्वी यूरोप में एक छोटी सेना की तैनाती का एलान किया है।

Update: 2022-01-30 00:48 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन संकट के बीच राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस पर दबाव बढ़ाने को लेकर पूर्वी यूरोप में एक छोटी सेना की तैनाती का एलान किया है। उधर, अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि यूक्रेन सीमा के निकट बड़ी संख्या में रूसी बलों को तैनात किया जा चुका है और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के पास अब कई सैन्य विकल्प हैं।

हालिया गतिविधियों के बाद यूक्रेन की सीमा पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा है कि रूस फरवरी में हमला कर सकता है। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता एमिली होर्ने ने बताया कि राष्ट्रपति ने आशंका जताई है कि रूस फरवरी में यूक्रेन पर चढ़ाई करेगा।
उधर, अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, हम यह नहीं मानते कि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर चढ़ाई का अंतिम निर्णय ले लिया है, लेकिन उनके पास स्पष्ट रूप से ऐसा करने की क्षमता है। ऑस्टिन ने पुतिन से तनाव कम करने की अपील की है। उन्होंने कहा, वह रूस के दुष्प्रचार पर नजर रखे हैं। हालांकि रूस ने कहा है कि संकट टालने के लिए वार्ता अब भी हो सकती है। लेकिन यूक्रेन सीमा पर जिस तरह से सैन्य जमावड़ा लग रहा है उससे जंग की आशंकाएं गहरा रही हैं।
पहले कभी इतनी सैन्य तैनाती नहीं देखी : जनरल मिले
अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के आर्मी जनरल मार्क मिले ने यूक्रेन के निकट तैनात रूसी सेना की गंभीर तस्वीर पेश की। उन्होंने कहा कि जमीन, वायु और जल क्षेत्र में बलों को तैनाती के साथ ही रूस के पास साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएं भी है और उसके पास विशेष अभियान बल भी हैं। मिले ने कहा, मैंने पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में यूक्रेन की सीमा पर रूसी बलों की ऐसी तैनाती नहीं देखी। पुतिन ने संघर्ष के बजाय कूटनीतिक मार्ग अपनाने की अपील भी की। जानकारी के मुताबिक रूस ने यूक्रेन सीमा के पास एक लाख से ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं।
जर्मनी में जासूसी से जुड़ा रूसी राजनयिक निष्कासित
जर्मनी की सरकार ने एक रूसी राजनयिक को जासूसी के एक मामले में जुड़े होने का पता लगने पर निष्कासित कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि म्यूनिख में रूसी दूतावास के एक कर्मचारी को पिछली गर्मियों में अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया और उसे देश से जाने के लिए कहा गया। उसने पहले इस निष्कासन की घोषणा नहीं की थी और मामले के बारे में जानकारियां उपलब्ध नहीं कराई।
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