भारतवंशी ने कारोबार की गलत जानकारी दे मांगा था कर्ज, आरोप स्वीकारा

कोरोना महामारी के लिए चलाए गए राहत पैकेज के तहत कई धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए

Update: 2021-02-12 14:15 GMT

Corona Relief Package: कोरोना महामारी के लिए चलाए गए राहत पैकेज के तहत कई धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए। इसमें से एक है अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय मूल के इंजीनियर का जिसने अपने कारोबार के बारे में गलत जानकारी देकर आर्थिक मदद मांगी थी। अब उसने एक करोड़ डॉलर का कर्ज लेने का अपराध स्वीकार किया है। उसने लघु कारोबारों की मदद के लिए कोरोना राहत कार्यक्रम के लिए इस ऋण का आवेदन किया था।


ये हैं आरोप जिन्हें किया स्वीकार

न्याय विभाग ने कहा कि 30 वर्षीय शशांक राय (Shashank Roy) ने गुरुवार को बैंक में गलत जानकारी देने का अपराध स्वीकार कर लिया। शशांक राय पर 13 मई, 2020 को ऑनलाइन धोखाधड़ी, बैंक धोखाधड़ी, वित्तीय संस्थान को गलत जानकारी देना और लघु कारोबार प्रशासन (एसबीए) को गलत जानकारी देने के आरोप लगाए गए थे। शशांक राय ने स्वीकार किया कि उसने दो विभिन्न बैंकों से एसबीए के तहत माफ करने योग्य लाखों डॉलर के ऋण का अनुरोध किया था। उसने दावा किया था कि उसके कारोबार से 250 कर्मी वेतन कमा रहे हैं, जबकि इस कथित कारोबार में कोई कर्मी कार्यरत नहीं था।

किए थे झूठे दावे, मांगा एक करोड़ डॉलर का पीपीपी ऋण

शशांक राय ने पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम (पीपीपी) के जरिये कोरोना राहत के लिए एसबीए द्वारा दी गई गारंटी के तहत दो अलग-अलग कर्जदाताओं से ऋण हासिल करने के लिए दो झूठे दावे किए थे। शशांक राय ने पहले उधारदाता को दी गई अर्जी में एक करोड़ डॉलर का पीपीपी ऋण मांगा था और झूठा दावा किया था कि उसके कारोबार में 250 कर्मी कार्यरत है, जिनका औसत मासिक वेतन 40 लाख डॉलर है। उसने दूसरी अर्जी में करीब 30 लाख डॉलर का पीपीपी ऋण मांगा था और यह झूठा दावा किया था कि उसके कारोबार में 250 कर्मी कार्यरत है, जिनका औसत सामूहिक मासिक वेतन 12 लाख डॉलर है।


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