बेलारूस ने तीसरे विश्व युद्ध की दी चेतावनी, रूस का कर रहा है यूक्रेन के खिलाफ समर्थन
बेलारूस के एक प्रमुख नेता ने आगाह किया है कि यूक्रेन में पश्चिमी शांतिरक्षक बलों को तैनात करने संबंधी पोलैंड का प्रस्ताव तीसरा विश्व युद्ध भड़का सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बेलारूस के एक प्रमुख नेता ने आगाह किया है कि यूक्रेन में पश्चिमी शांतिरक्षक बलों को तैनात करने संबंधी पोलैंड का प्रस्ताव तीसरा विश्व युद्ध भड़का सकता है. बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने पोलैंड के पिछले सप्ताह किए गए शांति मिशन की पेशकश की ओर इशारा करते हुए गुरुवार को कहा, ''इसका मतलब तीसरा विश्व युद्ध होगा.'' उन्होंने कहा,''हालात बेहद गंभीर और तनावपूर्ण हैं.'' बता दें कि बेलारूस, रूस का सहयोगी है और उसने रूस को यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए अपने क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है.
खाद्य भंडार को निशाना बना रहे रूसी सैनिक
यूक्रेन के उत्तरी शहर चेर्निहिव के एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने कहा है कि आबादी के लिए तबाही सामने है क्योंकि रूसी सैनिक जानबूझकर खाद्य भंडार को निशाना बना रहे हैं. गौरतलब है कि इस हफ्ते एक हवाई हमले में देसना नदी पर बना पुल नष्ट हो गया, जो यूक्रेन-नियंत्रित क्षेत्र से दक्षिण में भोजन और अन्य सहायता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग था. ऐसे में शहर परिषद के सचिव ओलेक्जेंडर लोमाको ने कहा,''इस पुल के जरिए ही मानवीय मदद, दवाइयां और भोजन शहर में आए जाते थे." हालांकि, उन्होंने दावा किया कि शहर पूरी तरह से यूक्रेनी सैनिकों के कब्जे में है.
यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस दोषी: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारी सहमति से एक प्रस्ताव पारित करके यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस को दोषी ठहराया है. प्रस्ताव में तुरंत संघर्ष विराम लागू करने और लाखों नागरिकों समेत घरों, स्कूलों और अस्पतालों की सुरक्षा करने की अपील की गई है.
गुरुवार को यह प्रस्ताव पांच के मुकाबले 140 मतों से पास हो गया. इस प्रस्ताव के विरोध में मतदान करने वाले पांच देशों में बेलारूस, सीरिया, उत्तर कोरिया, इरीट्रिया और रूस शामिल हैं. प्रस्ताव रूस की आक्रामकता के 'गंभीर मानवीय परिणामों' की निंदा करता है. प्रस्ताव मे कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पिछले कई दशकों में इतना बड़ा मानवीय संकट यूरोप में नहीं देखा.
इसमें रूस की गोलाबारी, हवाई हमले और दक्षिणी शहर मारियुपोल सहित घनी आबादी वाले शहरों की 'घेराबंदी' की निंदा की गई है. प्रस्ताव में मानवीय सहायता के लिए निर्बाध पहुंच की मांग की गई है.