बीजिंग ओलंपिक : राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहा अमेरिका, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दिए संकेत

अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते बेहतर होते नहीं दिख रहे हैं. हाल में ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऑनलाइन बैठक की थी लेकिन कोई खास नतीजा सामने नहीं आया.

Update: 2021-11-19 01:17 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते बेहतर होते नहीं दिख रहे हैं. हाल में ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऑनलाइन बैठक की थी लेकिन कोई खास नतीजा सामने नहीं आया. स्थिति तो यह हो गई है कि अब अमेरिका अगले साल चीन की राजधानी बीजिंग में होने वाले ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार कर सकता है. समाचार एजेंसी के अनुसार, 'जो बाइडन ने कहा है कि बीजिंग ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहे हैं.'

जो बाइडेन जल्द ले सकते हैं फैसला
गौरतलब है कि आमतौर पर ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में व्हाइट हाउस की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल भेजा जाता है. इस बार स्थिति अलग है. माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही अपने देश के अधिकारियों को बीजिंग ओलंपिक में नहीं भेजने की सिफारिश को मंजूरी दे सकते हैं. देश के शीर्ष सांसदों ने राजनयिक बहिष्कार का आह्वान किया था.
यूरोपियन संसद ने किया बहिष्कार का ऐलान
इससे पहले यूरोपियन संसद, बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार का ऐलान कर चुकी है. कई खिलाड़ियों ने भी इसके बहिष्कार की आवाज उठाई है. एनबीए बास्केटबॉल खिलाड़ी और मुखर मानवाधिकार अधिवक्ता एनेस कनेटर ने भी बहिष्कार का आह्वान किया है. यह सब ताइवान पर चीन की जबरदस्ती के कारण हो रहा है.
"जो आग से खेलेगा, वह जल जाएगा"
हालांकि, बीते मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ ऑनलाइन बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सीधे शब्दों में कहा था कि जो कोई भी ताइवान को लेकर आग से खेलेगा, वह 'जल जाएगा'. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि कुछ अमेरिकियों का इरादा चीन को नियंत्रित करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करना है.
जिनपिंग ने बाइडन से कहा था, ''इस तरह की हरकतें बेहद खतरनाक होती हैं, ठीक वैसे ही जैसे आग से खेलना. जो आग से खेलेगा, वह जल जाएगा."
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