काबुल में गुरुद्वारा कार्ते परवान पर हमला, कई लोगों की मौत, विस्फोट से दहशत
उन्होंने मांग की थी कि अफगानिस्तान में हिंदू और सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारा कार्ते परवान पर भीषण हमला हुआ है। शुरुआती खबरों में कहा जा रहा है कि हमले में कई लोग मारे गए हैं। सिख गुरुद्वारे के आसपास के इलाके में गोलियों की तड़तड़ाहट सुनी जा रही है। कई धमाकों की आवाजें भी सुनी गई हैं। विस्फोट की वजह से आसमान में धुंआ देखा जा रहा है। अभी तक तालिबान की ओर से कोई बयान नहीं आया है। बताया जा रहा है कि दो हमलावर अभी गुरुद्वारे के अंदर मौजूद हैं। गुरुद्वारे के अंदर भी दो धमाके हुए हैं।
अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी ने तालिबान के हवाले से बताया कि गुरुद्वारे के गेट के बाहर सबसे पहले विस्फोट हुआ जिसमें कम से कम दो अफगान लोग मारे गए हैं। इसके बाद गुरुद्वारे के अंदर दो विस्फोट हुए। इस हमले की चपेट में गुरुद्वारे से सटी सिखों की कुछ दुकानें भी आ गईं और उनमें आग लग गई। दो हमलावर अभी गुरुद्वारे के अंदर मौजूद हैं और तालिबानी सुरक्षाकर्मी उन्हें जिंदा पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
आतंकियों के निशाने पर रहा है यह गुरुद्वारा
अफगान मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले के दौरान काफी देर तक गोलीबारी हुई है और विस्फोट भी हुए हैं। तालिबानी सुरक्षा बलों ने हमले पर कोई टिप्पणी नहीं है। इस गुरुद्वारे के आसपास बड़ी संख्या में सिख लोग रहते हैं। इससे पहले भी इस गुरुद्वारे पर कई बार भीषण हमले हो चुके हैं। तालिबान ने पिछले दिनों दावा किया था कि उसने गुरुद्वारा कार्ते परवान पर हमला करने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
तालिबान ने कहा था कि इन हमलावरों को न्याय के कटघरे में पेश किया जाएगा। पिछले साल अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही काबुल के इस गुरुद्वारा में कुछ हथियारबंद लड़ाके जबरन दाखिल हो गए थे। उन्होंने सुरक्षा में तैनात गार्ड्स को हिरासत में लिया और सीसीटीवी कैमरों को तोड़ डाला था। रिपोर्ट्स के मुताबिक 15-16 हथियारबंद अज्ञात लोग गुरुद्वारा के अंदर दोपहर के वक्त पहुंच गए थे। इन लोगों ने तीन गार्ड्स के हाथ-पैर बांध दिए। उन्होंने बाहर जाते हुए सीसीटीवी भी तोड़ दिए थे।
पीएम मोदी से की गई है गुरुद्वारे की सुरक्षा की मांग
इंडिया वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने बताया था कि हथियारबंद तालिबानी अधिकारी गुरुद्वारे में दाखिल हुए थे। इस हमले के बाद मामले में पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय से मामले में दखल देने की अपील की गई थी। उन्होंने मांग की थी कि अफगानिस्तान में हिंदू और सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।