इमरान खान की सरकार को एशियाई विकास बैंक ने दिखाया आईना, पाक सबसे कम उदार अर्थव्यवस्थाओं में शुमार

पाक सबसे कम उदार अर्थव्यवस्थाओं में शुमार

Update: 2022-02-13 15:16 GMT
इस्लामाबाद, एएनआइ। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा है कि पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में व्यापार का योगदान महज 30 प्रतिशत है, जो सबसे कम व्यापार-जीडीपी अनुपात में से एक है। एडीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान अपेक्षाकृत बड़ा देश है, लेकिन उसका व्यापार उल्लेखनीय रूप से कम उदार है। पाकिस्तान का व्यापार सिर्फ इथोपिया, ब्राजील व सूडान से अधिक उदार है।
पाक सबसे कम उदार अर्थव्यवस्थाओं में शामिल
एडीबी के मुताबिक पाकिस्‍तान ऐतिहासिक रूप से विषम विकास के दौर से गुजर रहा है और दुनिया के सबसे कम उदार अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। डान की रिपोर्ट के अनुसार, 'वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के दौर में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एवं व्यापार' शीर्षक रिपोर्ट में एडीबी ने कहा है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारत व बांग्लादेश से काफी कम उदार है।
भारत की जीडीपी पाकिस्तान से 10 गुना बड़ी
पाकिस्तान का निर्यात मुख्य रूप से वस्त्र उत्पादों पर निर्भर है, इसलिए उसका व्यापार भारत से कम विविधतापूर्ण है। इसके अलावा भारत की जीडीपी पाकिस्तान से 10 गुना बड़ी है।
अफगानिस्तान के बाजार के सहारे पाकिस्‍तान
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का व्यापार मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप व चीन पर केंद्रित है और उसका दक्षिण एशिया के पड़ोसियों के साथ कोई व्यापारिक संबंध नहीं है। वह ऐसी अर्थव्यवस्था है, जिसका सबसे बड़ा बाजार उसका उत्तरी पड़ोसी अफगानिस्तान है। केवल कुछ ही क्षेत्रों और उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करना अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक है।
कर्ज की याचना से करना चाहिए परहेज : वित्त मंत्री
पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) व अन्य देशों से कर्ज की याचना करने से बचने और देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने पर बल दिया। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, कराची में चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के एक कार्यक्रम में तरीन ने कहा कि पाकिस्तान 20 करोड़ लोगों का देश है। अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
सिर्फ 30 लाख लोग भरते हैं टैक्‍स
शौकत तरीन ने कहा कि देश में सिर्फ 30 लाख लोग टैक्स का भुगतान करते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने हाल के चीन दौरे में वहां के नेतृत्व से आग्रह किया था कि पाकिस्तान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए चीनी कंपनियों को भेजा जाए। पश्चिमी देशों से नजरअंदाज किए जाने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक निर्भरता चीन पर बढ़ गई है।
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