भारतीय मूल के डॉ. विवेक मूर्ति की अमेरिकी सर्जन जनरल के रूप में नियुक्ति को दी मंजूरी: सीनेट
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: वाशिंगटन, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की टीम में महत्वपूर्ण पद पर एक ओर भारतीय मूल के शख्स की एंट्री हो गई है। जो बाइडन के सर्जन जनरल के रूप में भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक विवेक मूर्ति की नियुक्ति को सीनेट ने मंजूरी दे दी। मूर्ति की सर्वोच्च प्राथमिकता कोरोना वायरस महामारी से निपटना होगी, जिसने देश को बुरी तरह प्रभावित किया है। डॉ. मूर्ति (43) दूसरी बार अमेरिका के सर्जन जनरल के पद पर काबिज होंगे। 2011 में, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें बीमारी की रोकथाम और जन स्वास्थ्य को लेकर बनाए गए सलाहकार समूह में शामिल किया था।
विवेक मूर्ति ने इस अवसर पर कहा, 'मैं सर्जन जनरल के रूप में एक बार फिर सेवा देने के लिए सीनेट की सहमति मिलने का बहुत आभारी हूं। पिछले एक साल में हमने एक राष्ट्र के रूप में बड़ी कठिनाइयों का सामना किया है, और मैं हमारे राष्ट्र के मुश्किलों से उबरने और हमारे बच्चों के लिए बेहतर भविष्य बनाने में मदद करने के वास्ते आपके साथ काम करने की आशा करता हूं।'
बता दें कि सीनेट ने मूर्ति की नियुक्ति को 43 मतों के मुकाबले 57 मतों से मंजूरी दी। ओबामा ने 2013 में डॉ. मूर्ति को सर्जन जनरल के रूप में नामित किया था। वह 37 साल की उम्र में इस पद को संभालने वाले सबसे कम उम्र के सर्जन जनरल थे। हालांकि, उन्हें ट्रम्प प्रशासन के दौरान अचानक पद छोड़ना पड़ा। अमेरिकी सर्जन जनरल के रूप में डॉ मूर्ति कोरोना वायरस महामारी पर राष्ट्रपति बाइडन को सलाह देंगे और सार्वजनिक स्वास्थ्य के मामले में संघीय सरकार के सबसे बड़े अधिकारी होंगे। विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के सात सीनेटरों ने डॉ मूर्ति के समर्थन में मतदान किया।
अब तक कोरोना वायरस संक्रमण सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में ही सामने आए हैं। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के 3 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और पांच लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में विवेक मूर्ति के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी जो बाइडन ने डाली है।