फ्रांस में मिला कोरोना का एक और वेरिएंट 'IHU', 10 दिसंबर को सामने आया था पहला मामला
उसके बाद से मात्र 40 से अधिक दिनों में कोरोना का यह वैरिएंट दुनिया के 100 से अधिक देशों में फैल चुका है.
दुनिया के कई देश इन दिनों कोरोना की नई लहर का सामना कर रहे हैं. कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की वजह से दुनिया के कई देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है. इस बीच फ्रांस में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है, जिसे IHU नाम दिया गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस वैरिएंट को कोरोना के तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट से भी संक्रामक बता रहे हैं.
अब तक 12 मामले सामने आए, 10 दिसंबर को सामने आया था पहला मामला
कोरोना के नए वैरिएंट IHU से संक्रमित होने के अभी तक फ्रांस से 12 मामले सामने आ चुके हैं. नए वैरियंट से संक्रमण के यह सभी मामले मार्सिले के पास से आए हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि नया वैरिएंट का संबंध दक्षिण अफ्रीका के कैमरून से है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि नए वैरिएंट से संक्रमण का पहला मामला 10 दिसंबर को सामने आया था. हालांकि डब्ल्यूएचओ ने अभी भी इसे जांच के लिए प्रस्तावित नहीं किया है.
IHU के 46 म्यूटेशन का पता चला, ओमिक्रॉन से अधिक
फ्रांस के institute IHU Mediterranee Infection के वैज्ञानिकों ने कोरोना के नए वैरिएंट के बारे में पता लगाया है. जिसे वैज्ञानिकों ने IHU का नाम दिया है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि नया वैरिएंट IHU 46 बार तक म्यूटेट होता है. जो कोरोना के सबसे अधिक संक्रामक माने जा रहे ओमिक्रॉन से अधिक है.
वायरस में म्यूटेशन उसे खतरनकार बनाता है : स्वास्थ्य विशेषज्ञ
फ्रांस में कोरोना का नया वैरिएंट मिलने के बाद एपिडेमियोलॉजिस्ट एरिक फीगल-डिंग ने इस संबध में ट्विटर पर एक पोस्ट किया है. उसमें उन्होंने कहा है कि भविष्य में भी कोरोना के नए वेरिएंट सामने आते रहेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे अधिक खतरनाक होंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी वैरिएंट को मूल वायरस के संबंध में उसका म्यूटेशन खतरनाक बनाता है. उन्होंने कहा कि यह जब होता है तो चिंता की बात होती है. उन्होंने कहा कि IHU के संबंध में अभी यह देखना है कि वह किस श्रेणी में आता है. इसके बाद इसके बारे में कुछ कहना ठीक होगा.
24 नंवबर को लिए नमूने से ओमिक्रॉन के बारे में पता चला था
कोरोना के सबसे संक्रामक माने जा रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों को पिछले साल नवंबर के आखिरी सप्ताह में पता चला था. असल में पिछले साल 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से लिए गए एक नमूने में ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में पता चला था, उसके बाद से मात्र 40 से अधिक दिनों में कोरोना का यह वैरिएंट दुनिया के 100 से अधिक देशों में फैल चुका है.