यूक्रेन में आम लोगों को मदद करने के लिये 10 लाख डॉलर के फंड का ऐलान, इंफोसिस ने समेटा रूस में कामकाज
इंफोसिस ने समेटा रूस में कामकाज
रूस यूक्रेन संकट (Russia Ukraine Crisis) को देखते हुए देश की प्रमुख आईटी सेक्टर की कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने रूस से अपना कामकाज समेटना शुरू कर दिया है. कल ही नतीजों के बाद कंपनी ने जानकारी दी थी कि वो रूस में किसी क्लाइंट के साथ काम नहीं करेगी. वहीं आज बैगलुरू में इंफोसिस के सीईओ ने जानकारी दी की कंपनी ने रूस से कामकाज समेटना शुरू कर दिया है और वो ऑपरेशंस को रूस के बाहर दूसरे देशों में भेज रहे हैं. इंफोसिस का ये कदम भारत सरकार के रूख से अलग है. भारत सरकार दोनो देशों में से किसी का पक्ष नहीं ले रही है हालांकि अमेरिका के तमाम दबाव के बाद भी भारत रूस से आर्थिक संबंध खत्म नहीं कर रहा. हालांकि इंफोसिस के यूरोप और अमेरिका में कारोबार को देखते हुए कंपनी इस मामले में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है. इसके साथ ही कंपनी ने यूक्रेन (Ukraine Crisis) में राहत कदमों की मदद के लिये फंड का भी ऐलान किया है.
रूस से शिफ्ट हो रहे इंफोसिस के ऑफिस
कंपनी के सीईओ सलिल पारेख ने आज जानकारी दी है कि कंपनी ने रूस में स्थिति कार्यालयों से कामकाज दूसरे देशों में स्थित सेंटर में ट्रांसफर किया जा रहा है. उनके मुताबिक रूस में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 100 से भी कम और पारेख ने साफ किया कि वो फिलहाल किसी भी रूसी क्लाइंट के साथ काम नहीं कर रहे हैं. वहीं पारेख ने जानकारी दी कि यूकेन में आम लोगों की सहायता के लिये 10 लाख डॉलर के फंड दिया जा रहा है. वहीं पारेख ने जानकारी दी कि रूस में कामकाज समेटने से इंफोसिस पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दुनिया भर के दिग्गज आईटी कंपनियों के लिये अमेरिका, यूरोप, यूके सबसे बड़े बाजार हैं और ये तीनों ही रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. दुनिया भर की कई कंपनियों ने रूस में अपना कामकाज खत्म कर लिया है. इन संकेतों और रूस में सीमित मौजूदगी को देखते हुए इंफोसिस ने भी रूस से बाहर निकलने का फैसला किया है।