बाइडेन की रियाद यात्रा से पहले ऐलान, जिस शख्स की हत्या में सऊदी का हाथ, दूतावास के सामने उसी पर रखा गया सड़क का नाम

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सऊदी अरब यात्रा से एक महीने पहले कोलंबिया जिले की एक गली का नाम जमाल खशोगी वे रखा गया है.

Update: 2022-06-16 04:58 GMT

फाइल फूट 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) की सऊदी अरब यात्रा से एक महीने पहले कोलंबिया जिले की एक गली का नाम जमाल खशोगी वे रखा गया है. दिलचस्प बात ये है कि यह गली सऊदी दूतावास के ठीक सामने है. ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य रियाद को चिढ़ाना है. ये माना जाता है कि सऊदी के निष्कासित कार्यकर्ता और पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में हुई हत्या के पीछे सऊदी अरब (Saudi Arabia) का ही हाथ है. डीसी काउंसिल के सदस्यों ने दूतावास के प्रवेश द्वार के ठीक सामने खड़े होकर सड़क के नए नाम का ऐलान किया है.

जमाल खशोगी ने अपनी हत्या से पहले डेमोक्रेसी फॉर द अरब वर्ल्ड नाओ (DAWN) नाम से एक संगठन का गठन किया था. उसकी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर साराह लिह व्हिटसन ने कहा, 'हम उन लोगों को याद दिलाना चाहते हैं, जो इन दरवाजों के पीछे छिपे हैं… कि हम उन्हें जिम्मेदार ठहराते हैं, हम उन्हें अपने दोस्त की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराएंगे.' उन्होंने अमेरिकी सरकार की भी निंदा की. जो सऊदी अरब के साथ रिश्ते सुधारने की पहल कर रही है और बाइडेन अगले महीने इस देश के दौरे पर जा रहे हैं.
2018 में हुई थी खशोगी की हत्या
खशोगी सऊदी अरब के एक बड़े पत्रकार थे, वह वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखते थे. वह 2 अक्टूबर, 2018 में इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में अपनी शादी के लिए जरूरी दस्तावेज मांगने आए थे. जबकि उनकी मंगेतर बाहर खड़ी होकर उनका इंतजार कर रही थीं. लेकिन 59 साल के खशोगी दूतावास से वापस नहीं लौटे. सऊदी अरब ने शुरुआत में इस घटना में अपने शामिल होने से साफ इनकार कर दिया था. लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव बनता देख उसने स्वीकार किया कि खशोगी की हत्या दूतावास में ही हुई थी. उसने कहा कि खशोदी को प्रत्यर्पित किया जाना था, लेकिन ये काम ठीक से नहीं हो पाया.
मामले में सीआईए की जांच रिपोर्ट में पता चला कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आदेश पर खशोगी को मारकर उनके शव का निपटारा कर दिया गया था. सऊदी प्रशासन ने इस हत्या में शामिल होने की बात से हमेशा इनकार किया है. मामले में निम्न स्तर वाले सऊदी अधिकारियों और एजेंट्स को जेल की सजा भी हुई है. डीसी काउंसिल ने बीते साल वन-ब्लॉक स्ट्रेच को खशोगी के नाम पर करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया था. खशोगी की टर्किश मंगेतर हेटिस केंगिज ने इस समारोह में हिस्सा नहीं लिया लेकिन उन्होंने बयान जारी किया है. उन्होंने अपने बयान में बाइडेन सरकार की आलोचना की है.
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