अफगानिस्तान में लगातार खराब हो रहे हालातों के बीच, मानवीय सहायता के लिए सामने आए कतर और इंडोनेशिया

अफगानिस्तान के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। देश पर मानवीय संकट के काले बादल छाए हुए हैं।‌

Update: 2022-03-28 00:56 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। देश पर मानवीय संकट के काले बादल छाए हुए हैं।‌ देश बीमारियों और भूखमरी के संकट से बूरी तरह जूझ रहा है। वहीं आर्थिक मार से अफगान की कमर टूट रही है। अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता आने के बाद दुनिया भर से अफगान के रिश्ते तितर-बितर हो गए हैं। इस बीच डूबते को तिनके का सहारा जैसे कतर और इंडोनेशिया देश अफगान की मदद के लिए सामने आए हैं।‌ बता दें कि कतर ने इंडोनेशिया के साथ एक पत्र पर हस्ताक्षर किया है।

अफगान की मानवीय मदद के लिए कतर, इंडोनेशिया आए एक साथ
कतर ने इंडोनेशिया के साथ मिलकर अफगानिस्तान की मदद करने का फैसला किया है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि मानवीय मदद के लिए एक पत्र पर किए गए हस्ताक्षर के आधार पर दोनों देश अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय और विकास सहायता प्रदान करने में सहयोग करेंगे। खामा प्रेस ने बताया कि कतर के विदेश मंत्री और उप प्रधान मंत्री शेख मुहम्मद बिन अब्दुरहमंद अल-थानी और इंडोनेशिया के विदेश मंत्री रेटनो मारसुडी के बीच दोहा फोरम के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है।
अफगान के लोगों की होगी मदद
इन दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता और ऋण देने की अपनी मंशा की घोषणा की।
खामा प्रेस ने कतरी समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि पत्र का उद्देश्य अफगान के लोगों की क्षमताओं का समर्थन करने और अफगान की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक सहकारी तंत्र (कोआपरेटिव मशीन) स्थापित करना है। पत्र में कतर, इंडोनेशिया दोनों पक्ष अफगान के लोगों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने और उन्हें पेशेवर प्रशिक्षण देने पर भी एक साथ सहमत हुए हैं।
पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान की कब से की बाद देश के हालात दिन-ब-दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। देश में मानवाधिकार पतन के रास्ते पर है। ‌ देश में भले ही लड़ाई समाप्त हो गई है, लेकिन वहां के लोगों का दैनिक जीवन एक बड़ा संघर्ष बन गया है। तालिबानी शासन में आम लोगों के अधिकारों का हनन, जबरन गायब होना, यातना, मनमानी हिरासत, महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का एक बड़ा रोलबैक, सेंसरशिप और मीडिया के खिलाफ हमले हो रहे हैं।


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