फिल्म देखकर की थी अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या, अब 41 साल बाद होगा आजाद
अमेरिका में राष्ट्रपति को मिलने वाली सुरक्षा दुनिया में सबसे कड़ी मानी जाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका में राष्ट्रपति को मिलने वाली सुरक्षा दुनिया में सबसे कड़ी मानी जाती है. लेकिन 30 मार्च 1981 की तारीख अमेरिकी इतिहास की वो काली तारीख है, जिस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) को गोली मारी गई थी. जॉन हिंकले जूनियर (John Hinckley) ने एक फिल्म देखकर राष्ट्रपति की हत्या की साजिश रची थी. इसके बाद वॉशिंगटन डीसी के होटल के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन को गोली मारी थी. सुनवाई के दौरान जज ने उसे मानसिक रूप से बीमार होने के कारण हत्या का दोषी नहीं माना. बीते साल वह जमानत पर रिहा हुए हैं. अब फेडरल कोर्ट ने हिंकले को 41 साल बाद पूरी तरह से आजाद करने का फैसला सुनाया है.
यू.एस. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज पॉल एल. फ्रीडमैन ने सितंबर में कहा था कि अगर हिंकले वर्जीनिया में अच्छे बर्ताव के साथ जीवन व्यतीत करना जारी रखते हैं, तो कोर्ट 15 जून को उन्हें शेष सभी प्रतिबंधों से मुक्त कर देगा. बुधवार को वॉशिंगटन में एक सुनवाई फ्रीडमैन ने कहा कि हिंकले ने अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा है. जज ने अदालत की निगरानी से पूर्ण स्वतंत्रता के लिए अपनी योजनाओं में कोई बदलाव नहीं किया है. जज ने कहा, "उनकी जांच की गई है. उन्होंने हर परीक्षा पास की है. वह अब खुद या दूसरों के लिए खतरा नहीं हैं,"
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार जज ने आगे कहा, 'इस रविवार को जॉन हिंकले 67 साल के हो चुके हैं. वह रीगन को गोली मारने से बहुत परेशान थे, लेकिन उन्हें मानसिक स्वास्थ्य सहायता मिल गई थी. हिंकले ने 1980 के दशक के मध्य से सक्रिय मानसिक बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखाए हैं. साथ ही उन्होंने हथियारों को लेकर कोई हिंसक व्यवहार या रुचि नहीं दिखाई है.'
जूरी ने इसलिए नहीं माना दोषी
रोनाल्ड रीगन की हत्या में मानसिक रूप से बीमार करार दिए जाने के कारण जूरी ने उन्हें दोषी नहीं माना था. इसके बाद दो दशकों से अधिक समय तक हिंकले को वॉशिंगटन के एक मानसिक अस्पताल में रखा गया था. साल 2003 से फ्रीडमैन ने हिंकले को छोटे-मोटे इंवेट में हिस्सा लेने, मेडिकल सेमिनार में जाने और यात्रा करने की छूट दे दी. हिंकले 2016 से वर्जीनिया में पूर्णकालिक तौर पर रह रहे हैं. हालांकि, अभी भी वह कुछ प्रतिबंधों के अधीन हैं.
कैसे हुई थी रीगन की हत्या?
वो 30 मार्च, 1981 का दिन था. राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन होटल से अपनी लिमोजीन कार की तरफ जा रहे थे. वहां मौजूद हिंकले जूनियर ने मशहूर जर्मन पिस्तौल रोएम से उनके ऊपर ताबड़तोड़ छह गोलियां बरसा दीं. हमले की खबर पूरे अमेरिका और विश्व में आग की तरह फैल गई. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति पर इस तरह का हमला सुनकर हर कोई हैरान था.
रीगन ने नहीं पहनी थी बुलेटप्रूफ जैकेट
यूं तो राष्ट्रपति कैनेडी की हत्या के बाद अमेरिकी राष्ट्रपतियों की सुरक्षा बहुत कड़ी कर दी गई थी. उन्हें लगभग हर समय बुलेटप्रूफ जैकेट पहनना होता था. इसके अलावा यही नियम उनके बॉडीगार्ड पर भी लागू होता था. लेकिन उस वक्त रोनाल्ड रीगन ने बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं पहनी थी, क्योंकि उनसे महज 30 फीट की दूरी पर उनकी कार खड़ी थी. उनके सभी बॉडीगार्ड चौकन्ने थे, लेकिन इस बात से बेखबर थे कि वहां मौजूद एक शख्स के हाथ में तनी रिवाल्वर रोनाल्ड रीगन का इंतजार कर रही थी.
मुश्किल से बची थी जान
हालांकि, हमले में कोई भी गोली रीगन को सीधे नहीं लगी. गोलियां चलने के बाद सभी सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया था. इसी घेरे में उन्हें उनकी कार तक ले जाया गया. तभी एक गोली उनके बुलेटप्रूफ शीशे से टकराकर उनकी बाईं छाती में धंस गई. उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. इस घटना के महीने भर के अंदर रीगन दोबारा व्हाइट हाउस में अपने काम पर लौट आए. वो दो बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए. उनकी गिनती अमेरिका के सफलतम राष्ट्रपतियों में होती है. शीत युद्ध खत्म करने में भी उनका बड़ा योगदान था. 5 जून 2004 को उनका निधन हुआ था.