सेना की मदद करने वालों को शरण देगा अमेरिका, बाइडेन ने कहा औपचारिकताएं पूरी होने के बाद करेंगे स्वागत

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश में स्थिति काफी खराब हैं और लोगों को निकालने की कोशिशें जारी है.

Update: 2021-08-24 03:05 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद देश में स्थिति काफी खराब हैं और लोगों को निकालने की कोशिशें जारी है. अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से लोगों को निकालने की कार्रवाई में अब तक सोमवार को सबसे अधिक संख्या में लोगों को हवाई रास्ते से बाहर निकाला. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने बड़ा ऐलान किया है और कहा है कि अमेरिका अफगानियों को शरण दे सकता है.

सेना की मदद करने वालों को शरण देगा अमेरिका
जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा कि युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना की मदद करने वाले अफगानियों को बाद में अमेरिका में शरण दी जा सकती है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'एक बार स्क्रीनिंग और बाकी औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद हम उन अफगानों का स्वागत करेंगे, जिन्होंने युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) की मदद की थी. हम ऐसे ही हैं. अमेरिका की यही पहचान रही है.'
तालिबान ने अमेरिका-ब्रिटेन को दी चेतावनी
अफगानिस्तान पर जी7 की आपात बैठक से पहले सोमवार को तालिबान ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका और ब्रिटेन युद्ध से जर्जर देश से अमेरिकी बलों की वापसी की तारीख 31 अगस्त से आगे बढ़ाने की बात करते हैं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. कतर की राजधानी दोहा में 'स्काई न्यूज' से बातचीत में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि महीने के अंत में तय डेडलाइन अंतिम तारीख है और उसे आगे बढ़ाए जाने का मतलब होगा देश में उनका और ज्यादा दिनों तक रूकना. उन्होंने कहा कि यह समय सीमा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने तय की है और अगर ब्रिटेन व अमेरिका इसे आगे बढ़ाने की बात करते हैं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
बोरिस जॉनसन ने बुलाई G-7 के नेताओं की बैठक
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि अफगानिस्तान की राजधानी से अमेरिकियों और हजारों अन्य लोगों को हवाई मार्ग से लाने का 'कठिन एवं पीड़ादायी' काम तेजी से चल रहा है. साथ ही उन्होंने इस अभियान को 31 अगस्त की समय सीमा से आगे चलाने की संभावना को भी नहीं नकारा. वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को समूह जी-7 के नेताओं की बैठक बुलाई है, जहां क्षेत्रीय संकट पर चर्चा होगी.


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