अमेरिका ने बताया आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ गठबंधन का असली मकसद
आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ गठबंधन का असली मकसद अमेरिका ने बताया
अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस ने साफ कहा कि आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ नया त्रिपक्षीय गठबंधन किसी देश के खिलाफ नहीं है। इसका मकसद अमेरिका, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून आधारित व्यवस्था को बनाए रखने का है। अमेरिका का यह बयान गठबंधन को लेकर चीन की आलोचना के बीच आया है।
चीन की आक्रामकता को मिलेगा जवाब
हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एयूकेयूएस (आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका) गठबंधन का एलान बुधवार को किया गया था। यह माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में नई चुनौतियों का मुकाबला करने और चीन के खिलाफ मजबूती से खड़ा होने के लिए यह गठबंधन बनाया गया है।
आगबबूला हुआ चीन
चीन ने इस त्रिपक्षीय गठबंधन की तीखी आलोचना की है। उसने गुरुवार को कहा कि अमेरिका क्षेत्र में शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचाना चाहता है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने चीन की तीखी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'यह गठबंधन किसी देश के बारे में नहीं है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे रणनीतिक हितों और शांति व स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए है।'
हिंद-प्रशांत की सुरक्षा का लक्ष्य: आस्ट्रेलिया
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक आस्ट्रेलिया ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन के साथ गठबंधन में शामिल होने का लक्ष्य हिंद-प्रशांत की सुरक्षा है। भारत और अन्य देशों के साथ मिलकर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए खतरे को रोकने में योगदान दे सकते हैं। भारत में आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बेरी ओफारेल ने शुक्रवार को कहा कि चीन के व्यापक सैन्य आधुनिकीकरण कार्यक्रम और हिंद-प्रशांत में चुनौतीपूर्ण माहौल के चलते आस्ट्रेलिया इस महत्वाकांक्षी गठबंधन का हिस्सा बना है।