झटका! पाकिस्तान से अपने रिश्तों पर बोला अमेरिका, पाकिस्तानी पत्रकार को नहीं दिया भाव

Update: 2022-03-21 12:53 GMT

नई दिल्ली: अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को आगे बढ़ाने को लेकर बात करने से आनाकानी करता दिख रहा है. कभी अमेरिका के करीबी सहयोगी रहे पाकिस्तान से अमेरिका की दूरी बढ़ती जा रही है. अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पाकिस्तान के पीएम से मिलना तो दूर फोन पर भी बातचीत तक नहीं कर रहे हैं. इस बात को लेकर व्हाइट हाउस से सवाल किया गया जिसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है.

अमेरिका-पाकिस्तान के खराब होते रिश्तों का संकेत व्हाइट हाउस के एक प्रेस ब्रीफिंग में भी मिला. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने पाकिस्तान से जुड़े दो अहम सवालों को नजरअंदाज कर दिया.
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार ने उन्हें याद दिलाया कि कई महीनों पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से टेलीफोन पर बातचीत का अनुरोध किया था. पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल किया, 'हमें इसके बारे में कोई अपडेट नहीं मिली है. क्या पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ बातचीत न करने का कोई विशेष कारण है?'
जवाब में साकी ने कहा, 'मेरे पास किसी तरह की कॉल या आगामी मुलाकात को लेकर कोई अपडेट नहीं है. जाहिर है, हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के जरिए विदेश विभाग के माध्यम से पाकिस्तान और कई नेताओं के साथ बातचीत करते हैं. लेकिन जहां तक राष्ट्रपति के साथ कॉल या किसी आगामी मुलाकात की बात है, मैं उसे लेकर किसी तरह की भविष्यवाणी नहीं कर सकती.'
पाकिस्तानी पत्रकार ने जेन साकी से इमरान खान के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया मांगी जिसमें खान ने कहा था कि वो दूसरे पाकिस्तानी नेताओं की तरह अमेरिका के गुलाम नहीं हैं. जवाब में प्रेस सचिव ने एक सधा हुआ जवाब देते हुए कहा, 'पाकिस्तान के साथ हमारे पुराने संबंध हैं और ये एक ऐसा रिश्ता है जिसे हम राजनयिक माध्यमों से जारी रखेंगे. इसलिए मैं उनके बयान पर कोई और टिप्पणी नहीं कर सकती.'
पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि अमेरिका अभी भी पाकिस्तान को एक रणनीतिक भागीदार मानता है. उन्होंने चीन का जिक्र करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को अमेरिका के साथ संबंध बनाए रखने के लिए चीन से अपने रिश्ते खराब करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है. पाकिस्तान की सरकार के साथ हमारा एक महत्वपूर्ण रिश्ता है और ये एक ऐसा रिश्ता है जिसे हम कई मोर्चों पर महत्व देते हैं.'
शीत युद्ध के दौरान करीबी सहयोगी थे अमेरिका और पाकिस्तान
शीत युद्ध के दौरान पाकिस्तान अमेरिका का एक करीबी सहयोगी था और सोवियत संघ के पतन तक दोनों का रिश्ता बना रहा. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में सोवियत रूस के साथ अमेरिकी युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में भी पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया.
दोनों देशों के रिश्तों में खटास तब आने लगी जब अलकायदा का सरगना ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में पाया गया और बराक ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान सरकार को बिना बताए एक ऑपरेशन के जरिए उसे मार गिराया.
जुलाई 2019 में इमरान खान ने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की थी. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने व्हाइट हाउस में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प से मुलाकात की थी. उसी साल सितंबर में इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक बैठक के दौरान न्यूयॉर्क में ट्रम्प के साथ एक और मुलाकात की थी.
तब से, दोनों देशों के नेताओं के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई है. जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद अब तक इमरान खान से मुलाकात नहीं की है. इमरान खान के अनुरोध के बावजूद भी बाइडेन ने उनसे फोन पर बातचीत तक नहीं की है. 


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