अमेरिका ने जरूरत से ज्यादा डोज खरीदी, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया में हुई टीकों की कमी

अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा कोरोना टीके की बेतहाशा खरीद के चलते यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया में टीकों की कमी हो गई है।

Update: 2021-03-14 15:15 GMT

अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा कोरोना टीके की बेतहाशा खरीद के चलते यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया में टीकों की कमी हो गई है। यहां तक कि स्पेन ने रियल मैड्रिड में टीकाकरण अभियान को दो हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही पूरे यूरोप में टीके की कमी महसूस की जा रही है।

यूरोपीय आयोग ने कहा कि संघ सदस्य देशों के लिए कई कंपनियों से 2.30 अरब खुराक का करार किया था, लेकिन कंपनियों द्वारा कुछ समझौते की वजह से टीकों की आपूर्ति में कमी आ गई है। इसके अलावा कुछ समझौते अमेरिका और ब्रिटेन ने भी कर रखे हैं। इस वजह से इन दोनों देशों की आपूर्ति लगातार जारी है। वहीं अन्य देशों को टीके की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
जरूरत से ज्यादा डोज खरीदी
आयोग ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन ने जरूरत से ज्यादा खुराकें खरीद ली हैं। इस वजह से आयोग ने दोनों देशों को आड़े हाथों लिया है। वहीं, कैटालोनिया के एक क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी जोसेप मारिया अरगिमन ने टीके की कमी पर चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि मेरे दोस्त की फ्रिज खाली हो गई है। उनके इस बयान पर आयोग ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का मन बनाया है। वहीं, आयोग ने टीके कमी को लेकर कंपनियों को भी दोषी ठहराया है। उसने कहा कि पहले आओ पहले पाओ की नीति दोषपूर्ण है।
अमीर देशों पर भी आया संकट
दुनिया भर में गरीब देश अब भी टीके के इंतजार में हैं। गरीब देश फिलहाल किसी भी टीके को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ अब अमीर देशों पर भी टीके की कमी का खतरा मंडराने लगा है। अगर देखा जाए तो कुछ ही अमीर देश टीके तक अपनी पहुंच बना पाए हैं। आलम यह है कि यूरोपीय संघ टीकाकरण के मामले में न सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन से पीछे है बल्कि इजरायल, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात से भी पीछे हो गया है।
अमेरिका पर बढ़ा टीके दान करने का दबाव
अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए जरूरत से ज्यादा खुराकें खरीद ली हैं। उसने इसके लिए मॉडर्न, फाइजर और जॉनसन एंड जॉनसन से एक अरब खुराक का समझौता किया है। इसके बाद अमेरिका पर टीके दान करने का दबाव बढ़ गया है। इसके खिलाफ आवाज उठने लगी है कि अमेरिका टीके की खुराकें अन्य देशों के साथ शेयर करे। हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अपनी जरूरत पूरी होने के बाद ही दूसरे देशों की मदद करेंगे।
प्रशासन से इस बारे में सोचे: एस्ट्राजेनेका
एस्ट्राजेनेका के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने एक अरब एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की खुराक खरीदी है, लेकिन देश में वैक्सीन को अधिकृत नहीं किया गया है। कंपनी ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों में इसका उपयोग किया जा सकता है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन को इस बारे में सोचना चाहिए।
तीन फीसदी गरीब देशों में टीकाकरण शुरू हुआ
विश्व बैंक द्वारा हाल ही में किए गए विश्लेषण में पाया गया है कि उच्च आय वाले 82 फीसदी देशों में टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। वहीं, निम्न आय वाले देशों की बात करें तो वे इस दौड़ में पिछड़ते नजर आ रहे हैं। कम आय वाले महज तीन फीसदी देशों में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है। इससे खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि गरीब देशों का क्या हाल होगा।


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