अमेरिका ने किया नवंबर से सीमाएं खोलने का ऐलान

अमेरिका ने नवंबर से भारत, चीन, ब्राजील और यूरोप के अधिकतर देशों समेत कुल 33 देशों पर लगे यात्रा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है.

Update: 2021-09-21 04:49 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका ने नवंबर से भारत, चीन, ब्राजील और यूरोप के अधिकतर देशों समेत कुल 33 देशों पर लगे यात्रा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है. व्हाइट हाउस के मुताबिक वैक्सीन की पूरी खुराक ले चुके लोग अमेरिका आ-जा सकेंगे.व्हाइट हाउस के कोरोना वायरस प्रतिक्रिया संयोजक जेफ जिएंट्स ने सोमवार को एक बयान जारी कर नवंबर की शुरुआत से सीमाएं खोलने का ऐलान किया है. इसके साथ ही 18 महीने से जारी सीमा प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी. हालांकि पिछले ही हफ्ते बाइडेन सरकार ने कहा था कि अभी सीमाएं खोलने का सही वक्त नहीं आया है क्योंकि कोविड के मामले बढ़ रहे हैं. अनेक देशों ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया है. करीब डेढ़ साल से जारी इन प्रतिबंधों का असर हजारों लोगों पर पड़ा था जो व्यापार, शिक्षा या निजी कारणों से अमेरिका की यात्रा करना चाहते हैं. डेढ़ साल बाद खुलेंगी सीमाएं अमेरिका ने कहा है कि वैक्सीन की पूरी खुराक ले चुके लोगों को ही यात्रा की इजाजत होगी. जिन देशों को छूट दी गई है उनमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, स्विट्जरलैंड और ग्रीस समेत शेनेगन क्षेत्र के 26 देश शामिल हैं.

इनके अलावा ब्रिटेन, आयरलैंड, चीन, भारत, दक्षिण अफ्रीका, ईरान और ब्राजील के लोगों को भी यात्रा की इजाजत होगी. अमेरिका ने अपनी सीमाएं पिछले साल जनवरी में विदेशियों के लिए तब बंद कर दी थीं जब कोरोना वायरस के मामले आने लगे थे. सबसे पहले चीन से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगाया गया था जो धीरे धीरे अन्य देशों पर भी लागू हो गया. अभी प्रतिबंध हटाने की तारीख का ऐलान नहीं किया गया है और बस इतना कहा गया है कि नवंबर की शुरुआत में यात्राएं शुरू की जा सकेंगी. वैसे कोरोना वायरस के दौरान भी 150 से ज्यादा देशों के लोगों पर अमेरिका आने जाने की कोई पाबंदी नहीं थी. लेकिन सोमवार की घोषणा का अर्थ है कि अब उन देशों से भी केवल वही लोग अमेरिका जा सकेंगे जिन्होंने वैक्सीन की खुराक ली है. घोषणा का स्वागत अमेरिका में उद्योगपतियों के संगठन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि यह "अमेरिकी अर्थव्यवस्था की तेज बहाली में मदद करेगी" एक अन्य संगठन 'एयरलाइन फॉर अमेरिका' के मुताबिक कोविड महामारी के फैलने से पहले की तुलना में अगस्त में अंतरराष्ट्रीय यात्राएं 43 प्रतिशत कम हुईं. देखिएः कहां कहां पहुंची वैक्सीन अमेरिका का यह फैसला मंगलवार को जो बाइडेन के संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन के ठीक एक दिन पहले आया है. हालांकि व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि इस फैसले का कूटनीतिक आधार नहीं है.
उन्होंने कहा, "अगर हमें अपने लिए चीजें आसान करनी होतीं तो यह फैसला तब लेते जब राष्ट्रपति बाइडेन जून में अपने पहले विदेश दौरे पर गए थे. या फिर गर्मियों की शुरुआत में यह फैसला करते. हमारा फैसला विज्ञान पर आधारित है" अमेरिका में जून से डेल्टा वेरिएंट के कारण कोविड के मामले और मौतें लगातार बढ़ रही हैं. रविवार को देश में लगभग 29,000 नए मामले दर्ज हुए थे. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अमेरिका की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे उद्योग और व्यापार के लिए एक शानदार प्रोत्साहन बताया. अमेरिका में जर्मनी की राजदूत एमिली हाबेर ने ट्विटर पर कहा, "लोगों के आपसी संपर्क और अटलांटिक में व्यापार के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण फैसला है." कौन सी वैक्सीन मान्य होंगी? अमेरिका जाने के लिए लोगों को यात्रा से पहले ही वैक्सीन का सबूत देना होगा. उन्हें अमेरिका में एकांतवास में रहने जरूरत नहीं होगी. वाइट हाउस ने कहा कि कौन कौन सी वैक्सीन मान्य होंगी, इसका फैसला सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (CDC) करेगी.
सीडीसी का कहना है कि उसी व्यक्ति को पूरी तरह से वैक्सिनेटेड माना जाएगा जिसने मान्यता प्राप्त वैक्सीन ली हों. संस्था की प्रवक्ता क्रिस्टन नोर्डलंड ने कहा, "सीडीसी उसी को पूरी तरह वैक्सीनेटेड मानता है जिसने एफडीए से अधिकृत या मान्यताप्राप्त वैक्सीन लो हो या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिस वैक्सीन को मान्यता दी हो. लेकिन यह सूची बदली जा सकती है." तस्वीरों मेंः टीका लगवाने पर दावत भारत इस बात को लेकर खासा परेशान रहा है कि उसके यहां निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन को कुछ देश मान्यता नहीं दे रहे हैं. मसलन ब्रिटेन ने भारत की कोविशील्‍ड वैक्सीन को मान्यता नहीं दी है जिस पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है. भारत के ऐतराज के बाद ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान जारी कर कहा कि इस बारे में बातचीत की जा रही है. कोविशील्ड को भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफर्ड-एस्ट्रेजेनेका के साथ मिलकर बनाया है. नए नियमों के मुताबिक यह वैक्सीन लेने वाले लोगों को ब्रिटेन जाने के बाद 10 दिन तक एकांतवास मे रहना होगा क्योंकि उन्हें वैक्सीनेटेड नहीं माना जा रहा है. 


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