लैंडिंग से 15 मील की दूरी पर पहाड़ियों से जा टकराया विमान, बना आग का गोला, 119 लोगों की मौत

ईरान की एयरलाइन एयर टूर्स का विमान अचानक हवाई अड्डे पर उतरने से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

Update: 2021-02-12 10:34 GMT

 ईरान की एयरलाइन एयर टूर्स का विमान अचानक हवाई अड्डे पर उतरने से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें सबसे हैरान कर देने वाली बात यह थी ये हादसा विमान के खुर्रमबाद हवाई अड्डे (Khorramabad Airport) के पास हुआ. विमान टुपोलेव टीयू-154एम (Tupolev Tu-154M) विमान था, जो दक्षिण-पश्चिमी तेहरान से 230 मील और हवाई अड्डे से 15 मील की दूरी पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ. विमान का ये नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसे टुपोलेव ने डिजाइन किया था. विमान को रनवे संख्या 11 पर उतरना था लेकिन इसके नियंत्रण में नहीं होने के कारण ये कुह-ए शफीद नाम की पहाड़ी से टकरा गया.

विमान में उस समय 107 यात्री और क्रू के 12 सदस्य मौजूद थे. इन सभी की मौत हो गई. मृतकों में चार सरकारी अधिकारी भी थे. इस हादसे को आज तक ईरान के लोग (Iran Air Tours Flight Crash) भूल नहीं पाए हैं. विमान आज ही के दिन यानी 12 फरवरी को साल 2002 (12 Ferbuary History) में क्रैश हुआ था. ये विमान रूस की कंपनी एविआकोर (Aviakor) ने बनाया था. कंपनी ने पहला विमान 21 मई, 1991 में तैयार किया था और जून 1991 में विमानन उद्योग मंत्रालय को इसकी डिलीवरी की. जिसे बाद में यूएसएसआर (USSR) का पंजीकरण नंबर देकर अजरबैजान विभाग को सौंप दिया गया.

2002 में ईरान को मिला विमान
सोवियत संघ के विघटन के बाद साल 1993 में इसका दोबारा पंजीकरण किया गया. इसमें जरूरी सुधार किए जाने के बाद इसे एआरजेड-400 को लीज पर इस्तेमाल के लिए दे दिया. जिसके बाद इसे मई 2000 में बुलगारिया की एक कंपनी को इस्तेमाल के लिए दिया गया. फिर विमान को दिसंबर 2000 में एक अन्य बुलगारियन कंपनी बुलगारियन एयर चार्टर (बीएसी) को दिया गया (Iran Air Tours Flight 956 Crash Incident). जिसका पंजीकरण दोबारा किया गया. 21 जनवरी, 2002 में बीएसी कंपनी ने ये विमान ईरान एयर टूर्स को पंजीकरण बदलने के बाद दिया.

सभी यात्रियों की हो गई मौत
विमान के क्रैश होने तक वह 12,701 घंटे की उड़ान पूरी कर चुका था. इसमें तीन डी-30केयू-154-आईआई टर्बो इंजन लगे थे. विमान ने खुर्रमबाद (Khorramabad) के लिए सुबह करीब 7.30 बजे तेहरान से उड़ान भरी थी. उस समय इसमें कुल 119 लोग सवार थे, जिनमें से 12 क्रू के सदस्य और 107 यात्री थे. इन लोगों में 4 सरकारी अधिकारी और 4 स्पेन के नागरिक थे. विमान की लैंडिंग खराब मौसम में हुई थी. हवाई अड्डे से 15 मील की दूरी पर समुद्र तल से 9100 फीट की ऊंचाई पर विमान की टक्कर पहाड़ी (Kuh-e Sefid Mountain) से हो गई और फिर इसमें जोरदार धमाका हो गया. इसमें सवार सभी 119 लोगों की मौत हो गई.

अमेरिका के प्रतिबंधों को बताया कारण
हादसे के बाद लोगों ने विमानन मंत्री से इस्तीफा देने को कहा. इस हादसे की एक वजह अमेरिका के ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध भी बताए गए. लोगों का ऐसा मानना था कि अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण ईरान एयरलाइंस 1979 की क्रांति (1979 Iranian Revolution) से पहले खरीदे गए बोइंग विमान ( Boeing) के जरूरी पुर्जे खरीद नहीं पाई थी. जिसकी वजह से उसे सोवियत काल के पुराने विमान को किराए पर लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. ईरान की ओर से बाद में घोषणा की गई कि वह टुपोलेव विमानों का संचालन बंद कर रहा है लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ.


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