रात के अंधेरे में तालिबान के ठिकानों पर किए गए हवाई हमले, पंजशीर में भारी नुकसान की खबर
पंजशीर को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. तालिबान ने जहां पंजशीर पर कब्जे का दावा किया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंजशीर (Panjshir) को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. तालिबान (Taliban) ने जहां पंजशीर पर कब्जे का दावा किया है. वहीं, नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों का कहना है कि जंग जारी है और वे आखिरी दम तक लड़ेंगे. इस बीच, सोमवार देर रात पंजशीर में तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमले (Air Strike) किए गए. इन हमलों में तालिबान को भारी नुकसान की बात कही जा रही है.
Strike पर भाग निकले Jets
देर रात तालिबानी ठिकानों पर हमले किए गए. हालांकि, ये साफ नहीं हो पाया है कि हमले करने वाले लड़ाकू विमान (Fighter Jets) किस देश के थे. पत्रकार मुहम्मद अल्सुल्मानी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि अज्ञात विमान तालिबान के ठिकानों पर हमला कर भागे निकले. ये किसने किया, रूस या ताजिकिस्तान'? इन हमलों में तालिबान को भारी नुकसान की बात कही गई है.
Taliban ने साधी चुप्पी
तालिबान ने इन खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे पहले उसने पंजशीर पर कब्जे का दावा करते हुए कहा था कि अफगानिस्तान (Afghanistan) का आखिरी गढ़ भी उसके कब्जे में आ गया है. वहीं, नॉर्दर्न एलायंस के प्रमुख अहमद मसूद ने तालिबानी दावे को गलत करार दिया है. उन्होंने कहा है कि वह खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे. बता दें कि तालिबान काफी समय से पंजशीर जीतने की कोशिश में लगा है.
Tajikistan का नाम सबसे ऊपर
तालिबानी ठिकानों पर हवाई हमले के बाद अब सवाल उठा है कि कौन पंजशीर के लड़ाकों का साथ दे रहा है. इसमें सबसे पहला नाम ताजिकिस्तान का सामने आ रहा है. क्योंकि अहमद मसूद के इन दिनों ताजिकिस्तान में होने का दावा किया गया है. इसके अलावा जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, उस वक्त अफगान सेना के कई सैनिक, लड़ाकू विमान यहां से निकलकर ताजिकिस्तान पहुंच गए थे.
Russia और Iran पर भी शक
ताजिकिस्तान नॉर्दर्न एलायंस और तालिबान विरोधी गुटों का साथ देता आया है. यही वजह है कि तालिबान पर हुए अज्ञात हमले के पीछे ताजिकिस्तान का हाथ होने की बता कही जा रही है. इसके बाद रूस और ईरान का नाम भी सामने आ रहा है. गौरतलब है कि ईरान ने हाल ही में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों पर पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले की निंदा की थी. उसने कहा था कि इस तरह दूसरे देश के मामलों में हस्तक्षेप गलत है.