हफ्तों की शांति के बाद रूसी हमलों से सहमे यूक्रेनी नागरिक, कीव में विदेशी टैंकों और अन्य सैन्य सामग्री को बनाया निशाना
हफ्तों से शांत कीव रविवार सुबह तेज आवाज वाले मिसाइल हमलों से दहल उठा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हफ्तों से शांत कीव रविवार सुबह तेज आवाज वाले मिसाइल हमलों से दहल उठा। रूसी मिसाइलों ने इस हमले में विदेशी टैंकों और अन्य सैन्य सामग्री को निशाना बनाया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आगाह किया है कि यूक्रेन को लंबी दूरी तक मार करने वाले राकेट सिस्टम दिए गए तो रूसी सेना उन ठिकानों को निशाना बनाएगी जिन्हें अभी तक छोड़े रखा गया। पुतिन ने यह नहीं बताया कि किन स्थानों को रूसी सेना ने निशाना बनाने से छोड़ रखा है।
अमेरिका ने यूक्रेन को 70 करोड़ डालर की नई सैन्य सहायता के एलान के साथ कहा है कि इसमें हेलीकाप्टर, ड्रोन, राकेट सिस्टम, रडार, जेवलिन एंटी टैंक मिसाइल और अन्य हथियार दिए जाएंगे। रूस को सर्वाधिक खतरा 80 किलोमीटर दूरी तक मार करने वाले गाइडेड राकेट सिस्टम और दूर से मिसाइल हमला करने वाले ड्रोन से है। ट्रक में फिट इन्हीं राकेट लांचरों से 300 किलोमीटर तक मार करने वाले गाइडेड मिसाइल भी छोड़े जा सकते हैं, हालांकि ये लंबी दूरी तक मार करने वाले राकेट यूक्रेन को अभी नहीं दिए जाएंगे। लेकिन अभी तक के अनुभवों से रूस को अमेरिका पर भरोसा नहीं है। इसीलिए राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका का नाम न लेते हुए लंबी दूरी के हथियारों की आपूर्ति के लिए चेतावनी दी है। शनिवार को एक इंटरव्यू में पुतिन ने पश्चिमी हथियारों को चना-मटर बताते हुए उन्हें आसानी से नष्ट करने की बात कही थी।
रूसी मिसाइल कीव के नजदीक पीवडेनोयूक्रेंस्क परमाणु संयंत्र के नजदीक गिरी
चंद रोज पहले अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि यूक्रेन के सैनिकों को नए अमेरिकी हथियार चलाने में प्रशिक्षित करने में करीब तीन सप्ताह का समय लगेगा। इसके बाद वे हथियार युद्ध क्षेत्र में तैनात होंगे। रूस इससे पहले ही डोनबास के अंतर्गत आने वाले लुहांस्क और डोनेस्क प्रांतों पर कब्जा कर लेना चाहता है। इसीलिए रूसी सेना ने दोनों प्रांतों के साथ ही पश्चिमी हथियारों को वहां पहुंचने से रोकने के लिए हमले तेज कर दिए हैं। राजधानी कीव पर रविवार सुबह रेलवे प्रतिष्ठानों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर इसी उद्देश्य से मिसाइल हमले किए गए। एक मिसाइल कीव के नजदीक पीवडेनोयूक्रेंस्क परमाणु संयंत्र के नजदीक गिरी। अगर यह मिसाइल परमाणु संयंत्र पर गिरती तो भारी तबाही तय थी। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि हमले में पूर्वी यूरोप के देशों से यूक्रेन भेजे गए टी-72 टैंकों को निशाना बनाया गया। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के अनुसार ये मिसाइलें कैस्पियन सागर से उड़े टीयू-95 बमवर्षक विमान से छोड़ी गईं। इनमें से एक मिसाइल को यूक्रेनी एयर डिफेंस सिस्टम ने आकाश में ही मार गिराया।