अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद जनता बेहाल, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन का दावा- जारी है हत्याएं

तालिबानी की वापसी के बाद अफगानिस्तान की जनता बेहाल है और इसकी साक्षात गवाही दे रहा है काबुल एयरपोर्ट

Update: 2021-08-24 12:16 GMT

तालिबानी की वापसी के बाद अफगानिस्तान की जनता बेहाल है और इसकी साक्षात गवाही दे रहा है काबुल एयरपोर्ट। एयरपोर्ट पर निकासी अभियान जारी है सैंकड़ों-हजारों लोग अपना वतन छोड़ दूसरे देश जाने को बेचैन हैं। इसकी रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन तक पहुंच रही है। संगठन की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें अफगानिस्तान में हो रहे जुल्म और मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की ठोस रिपोर्ट मिली है। अफगानिस्तान में तालिबान सरेआम लोगों की हत्या कर रहा है और महिलाओं का दमन कर रहा है।

तालिबान की हरकतों की मानिटरिंंग के सख्त निर्देश
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार अफसर मिशेल बेशलेट (Michelle Bachelet) ने मंगलवार को मानवाधिकार परिषद में दिए अपने भाषण में अफगान हत्याओं का कोई ब्योरा नहीं दिया। लेकिन जेनेवा फोरम से आग्रह किया कि वह तालिबान की हरकतों पर नजर रखने के लिए एक प्रणाली विकसित करें। उन्होंने महिलाओं के साथ तालिबान के खतरनाक बर्ताव का भी जिक्र किया।
अल्पसंख्यकों व मूल जनजातियों पर तालिबान का खतरा
पाकिस्तान और 57 इस्लामिक देशों के संगठन ओआइसी की अपील पर हो रही फोरम की आपात बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के चलते महिलाओं, पत्रकारों और नई पीढ़ी के सिविल कार्यकर्ताओं के लिए खतरा बेहद बढ़ गया है। अफगानिस्तान की मूल जनजातियों और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर भी जान का खतरा है।
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